लखीमपुर खीरी: यूपी के खीरी जिले में भी उत्तराखंड से साढ़े पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से आई तबाही में एनडीआरएफ ही वो बल था, जिसने रात के छह घण्टे लगातार अंधेरे में काम करके 550 जिन्दगानियाँ बचा लीं. इसके बाद लगातार तीन दिन तक एनडीआरएफ के जवानों अफसरों ने डिप्टी कमांडेंट नीरज के नेतृत्व में दो हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया.
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट नीरज ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि 10 लाख क्यूसेक पानी मे लोगों को बचाना एक बड़ी चुनौती थी, पर अपने बहादुर जवानों के हौंसले के चलते हमने छह घण्टे तक अंधेरे में काम करते हुए सैकड़ो लोगों को बचाया. एक बार तो रात और अंधेरा देख डीएम खीरी भी कह रहे थे कि आप लोगों की जान को खतरा होगा, पर हमारे दल के सामने करो या मरो का निर्णय लेने की बारी थी.
धौरहरा के परौरी गाँव मे नाव पलटने से हुए हादसे में 18 लोग लापता थे. हमने देर किए बिना रात में ही ऑपरेशन शुरू किया. हमारी टीम ने कहा कि हमारे रहते अगर एक भी जान जाती है, तो हमारा रहना बेकार, सो रात में हो तीन बजे से बचाव कार्य शुरू हुआ, नतीजा हुआ. वहां 11 लोगों को सुरक्षित निकाल लाए. ऐसे ही अलग अलग जगहों पर पांच टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर 550 लोगो की जान बचाई. डिप्टी कमांडेंट ने बताया कि हमारे जवान पूरे जोश और हौंसलों से लबरेज थे. हमने 2200 लोगों को सुरक्षित जगहों पर भी पहुंचाया.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने किया सम्मानित
खीरी जिले में 19 अक्टूबर को बनबसा बैराज से साढ़े पाँच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद आई भीषण बाढ़ में एनडीआरएफ की टीम ने साडे 550 जिंदगियां बचाई. इसके अलावा करीब 2000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया. खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने सोमवार को एनडीआरएफ टीम को सम्मानित किया.