लखीमपुर खीरी:दुधवा टाइगर रिजर्व में एक बाघिन का शव किशनपुर सेंचुरी के मैलानी रेंज में घास के मैदान में मिला है. दुधवा पार्क के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक के अनुसार बाघिन काफी कमजोर थी. दो दिनों से फील्ड स्टाफ बाघिन की निगरानी में था, लेकिन मंगलवार दोपहर में उसका शव घास के मैदान में पड़ा मिला. बाघिन की उम्र करीब सात साल होने का अनुमान लगाया जा रहा है. शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. पोस्टमार्टम के बाद ही बाघिन की मौत के कारणों का पता लग पाएगा.
किशनपुर सेंचुरी के गश्ती स्टाफ ने दी जानकारी
किशनपुर सेंचुरी के मैंलानी रेंज में सोमवार को फील्ड के गश्ती स्टाफ ने एक बाघिन को जलकुंभी के पास लेटे देखा. स्टाफ बाघिन को देख रुक गया और उसपर निगरानी रखने लगा, लेकिन बाघिन वहीं लेटी रही. काफी देर तक जब बाघिन नहीं हिली तो स्टाफ ने किशनपुर वार्डेन को सूचना दी. वार्डेन ने भी बाघिन को मूवमेंट न करते देख उसकी निगरानी शुरू की गई. बाघिन काफी देर बाद जलकुंभी से उठकर घास के मैदानों की तरफ चली गई, लेकिन उसका मूवमेंट सामान्य नहीं था. फील्ड डायरेक्टर दुधवा संजय पाठक कहते हैं कि हमने बाघिन की निगरानी की. कैमरा ट्रैप भी लगाए लेकिन बाघिन घास के मैदान की तरफ चली गई थी. मंगलवार को बाघिन का शव घास के मैदान से बरामद हुआ है. बाघिन काफी कमजोर थी.
8 से 10 साल होती है बाघ की औसत उम्र
जंगलों और नेचुरल हैबिटेट में बाघों की औसत आयु 8 से 10 साल होती है. यह जानकारी देते हुए तराई नेचर कंजर्वेशन सोसायटी के सचिव डॉ वीपी सिंह कहते हैं कि हो सकता है कि बाघिन ने आयु पूरी कर ली हो और बुढ़ापे की तरफ अग्रसर हो. कुछ बाघ और बाघिन जल्दी बुढ़ापे का शिकार हो जाते हैं और कुछ देर तक स्वस्थ रहते हैं. पोस्टमार्टम के बाद ही इस बाघिन की मौत का सच सामने आ पाएगा.
बाघों की मौतों से उठ रहे हैं सुरक्षा पर सवाल