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लखीमपुर खीरी में बाघ का आंतक, फिर बनाया एक किशोर को निवाला - Tiger terror in Kheri

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके के खैरटिया में बाघ ने एक चौदर वर्षीय किशोर को अपना निवाला बना लिया. इस इलाके में अब तक बाघ दो सालों में 18 लोगों की जान ले चुका है. वन विभाग बाघ को पकड़ने की लगातार कोशिशें कर रहा है.

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लखीमपुर खीरी में बाघ का आंतक

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Published : Jun 23, 2022, 10:40 PM IST

लखीमपुर खीरी: जिले के तिकुनिया इलाके के खैरटिया में एक बाघ ने गुरुवार को किशोर को अपना निवाला बना लिया. बाघ जानवर चराने गए किशोर का गर्दन से पकड़ कर जंगल में खींच ले गया. इस इलाके में अब तक बाघ दो सालों में 18 लोगों की जान ले चुका है. वन विभाग बाघ को पकड़ने की लगातार कोशिशें कर रहा है. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि उन्होंने तीन हाथी और पूरी फोर्स लगा रखी है. लेकिन, हमला करने वाले बाघ को ट्रेस नहीं किया जा सका है.

बाघ ने किशोर ने बनाया निवाला


तिकुनिया कोतवाली इलाके में शाम करीब छ: बजे खैरटिया निवासी सूरज सिंह (14) पुत्र गुरुदेव सिंह अपने खेत में जानवर चरा रहा था. तभी बाघ अचानक गन्ने के खेतों से निकला और सूरज सिंह पर झपट्टा मार दबोचकर ले गया. सूरज को बाघ जंगल में खींचते हुए काफी दूर तक ले गया. यह देख आसपास जानवर चरा रहे लोगों में भगदड़ मच गई. लोगों ने शोर मचाया तो भारी संख्या में लोग पहुंचे.

काफी देर बाद बाघ सूरज सिंह के शव को छोड़ जंगल में ओझल हो गया. सूरज के शव को परिजनों ने देखा तो बेहोश हो गए. बाघ सूरज सिंह की गर्दन के पीछे का हिस्सा पूरी तरह से खा गया. घटना के बाद मृतक सूरज सिंह के परिवार के लोगो में कोहराम मच गया. आसपास के इलाके में लगातार हो रहे बाघ के हमले से मौत के बाद लोगों का गुस्सा भी फूट रहा है.

दो साल में इलाके में बाघ ले चुका 18 जानें
तिकुनिया के मजरा पूरब और खैरटिया इलाके में आदमखोर हो चुका टाइगर अब तक 18 लोगों की जान ले चुका है. बाघ के खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब लोगों ने रात में इलाके की सड़कों पर निकलना भी बंद कर दिया है. दिन में भी लोग गन्ने के खेतों में काम करने नहीं जा रहे हैं. पिछले पांच दिनों में ही तीन ताबड़तोड़ घटनाओं से इलाके के लोग खौफजदा हैं.

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दुधवा के फील्ड डायरेक्टर श्री पाठक ने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील की है कि कुछ दिनों तक वह जंगल और गन्ने के खेतों में ना जाएं. बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा टाइगर रिजर्व से तीन हाथी, दो पशु चिकित्सक और ट्रेंकुलाइजर टीम भी मौके पर मौजूद है. केजिंग भी की गई है. पिंजरे से बाघ को पकड़ने की कवायद की जा रही है. जनता के सहयोग के बिना बाघ को नहीं पकड़ा जा सकता. प्रभावित इलाके में कैमरो की तादाद और बढ़ाया जा रहा है. जिससे बाघ का मूवमेंट पता लग सके और उसे जल्दी पकड़ा जा सके.


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