लखीमपुर खीरी: खीरी जिले के धरारा तहसील के बरौली गांव में नाव पलटने से हुए हादसे में लापता हुआ लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए कमिश्नर रंजन कुमार आधी रात बाइक पर बैठकर परौली गांव पहुंचे. करीब आठ घंटे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में छह लोगों को जिंदा बचा लिया गया. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों के साथ खीरी पुलिस के इस अभियान में घाघरा नदी में फंसे छह लोगों को आधी रात में नदी से बाहर निकाला गया. खीरी में रेस्क्यू कर अलग अलग जगहों पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफकी मदद से बुधवार को 53 लोगों सुरक्षित निकाला गया.
खीरी जिले के रमियाबेहड़ ब्लॉक के परोरी गांव में बुधवार को 18 लोगों से भरी नाव घाघरा नदी में पलट गई थी. इसके बाद वहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. करीब 5 लोग तो तैरकर नदी से बाहर आ गए थे और बाकी लोग नदी की तेज धार में फंसे हुए थे. यह गांव वाले नदी के बीचों-बीच एक टापू पर किसी तरह अपनी जान बचाकर खड़े थे. चारों तरफ घागरा की समुद्र की तरह उछाल मारती लहरों के बीच इन गांव वालों ने 8 घंटे से ज्यादा समय बिताया.
जिला प्रशासन की तरफ से डीएम डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया, एसपी विजय ढुल बराबर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे रहे. उधर देर रात लखनऊ मंडल के कमिश्नर रंजन कुमार भी मौके पर पहुंचे. पर बारिश और बाढ़ के कारण फोर व्हीलर गांव तक नहीं पहुंच पाई. इसके बाद कमिश्नर रंजन कुमार को एक स्थानीय युवक ने बाइक पर बैठाया और उनको रेस्क्यू ऑपरेशन स्थल तक ले गया. कमिश्नर रंजन कुमार के नेतृत्व में रेस्क्यू ऑपरेशन चला और 6 लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
नदी के दूसरी तरफ चले गए थे नाव में बैठे लोग
हांकना मटेरा गांव घाघरा नदी के किनारे हैं और इन्हीं गांव के लोग नाव से बैठकर नदी पार जाने के लिए निकले थे. पर इन्हें नहीं पता था कि घागरा की लहरें इतनी विकराल हो गई हैं. नेपाल और उत्तराखंड के पहाड़ों पर हुई बारिश से गिरजा बैराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था. जिसकी वजह से घाघरा नदी की लहरें समुंदर के मानिंद चल रही थी. गांव वालों की कश्ती भी धार में फंस गई और अनियंत्रित होकर पलट गई थी. इसमें सवार18 लोग तैर कर निकल आए, पर छह लोग नदी के दूसरी तरफ कई किलोमीटर दूर बहते हुए चले गए.