लखीमपुर खीरी:लखीमपुर खीरी यूपी का सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खीरी में पिछले 1 महीने से एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई. इसका कारण है वकीलों की हड़ताल. वकीलों ने अप्रत्याशित रूप से बढ़ाया गए सर्किल रेट के विरोध में काम बंद और पेन डाउन स्ट्राइक कर रखी है. 26 जुलाई से खीरी जिले में एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई है. न ही खीरी जिले के सभी तहसीलों के रजिस्ट्री दफ्तर खुले हैं.
तहसील बार एसोसिएशन लखीमपुर के अध्यक्ष उत्तम वर्मा ने बताया कि 'सरकार गरीबों को और गरीब बनाने पर आमादा है. अगर ये नए सर्किल रेट लागू हो गए तो न जमीन कोई खरीदेगा न बेचेगा. 300 गुने तक सर्किल रेटों में वृद्धि कभी हुई है क्या आज तक, अब गरीब अपनी जमीन बेच बच्चे को पढ़ाना या इलाज कराने को भी तरस जाएगा.'
यूपी का लखीमपुर खीरी जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से यूपी में सबसे बड़ा जिला है पर पिछले एक महीने से ज्यादा का वक्त हो गया खीरी जिले की रजिस्ट्री दफ्तरों में ताले लटके हुए हैं. रजिस्ट्री दफ्तरों में सब रजिस्टर बैठ नहीं पा रहा है. दफ्तरों के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल के बोर्ड लगे हुए हैं. वकील पेन डाउन स्ट्राइक किए हुए हैं.
वकीलों का कहना है कि सरकार ने जिस तरीके से सर्किल रेट को खीरी जिले में बढ़ा दिया है, कुछ तरीके से जमीनें खरीद, जमीनों की खरीद और बिक्री बिल्कुल रुक जाएगी इससे न केवल गरीब आदमी या खरीदने बेचने वाले प्रभावित होंगे बल्कि वकीलों और तहसील के तमाम रजिस्ट्री दफ्तर से जुड़े हुए लोगों के पेट पर भी असर पड़ेगा.
लखीमपुर तहसील बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजीव मिश्रा ने बताया कि डीएम सर्किल रेट में 100 से 160 फीसदी तक कि वृद्धि कर दी गई है. हाइवे की जमीनों की खरीद बिक्री पर किसी किसी दशा में 160 फीसदी तक बढ़ जा रहा. ऐसे में जमीन कौन खरीदेगा. अगर किसान का बच्चा बीमार है या वो कोई काम करना चाहता जमीन बेचकर तो कौन खरीदेगा जमीन. जब बाजार मूल्य एक लाख होगा और रजिस्ट्री ढाई से तीन लाख?
-आज है वकीलों की महापंचायत
जमीनों की मूल्यांकन सूची में अप्रत्याशित वृद्धि का आरोप लगाते हुए वकील 26 जुलाई से हड़ताल पर है, जिले के किसी भी रजिस्ट्री दफ्तर में एक भी बैनामा नहीं हुआ है सरकार को भी करोड़ों रुपये का चूना लग चुका है पर वकील अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं है. सरकार को डीएम के माध्यम से कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है. पर अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.