लखीमपुर खीरी : बजाज चीनी मिल पर करोड़ों रुपये के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन में अब राकेश टिकैत की भी एंट्री हो गई है. वहीं, बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान की मांग को लेकर किसानों का धरना गोला मिल पर दसवें दिन और पलिया बजाज चीनी मिल पर 15 दिन बाद शनिवार को भी जारी रहा. वहीं, भीरा में भी किसान आमरण क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं.
दूसरी तरफ मिल बन्द कर पेमेंट की मांग कर रहे किसानों को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का सन्देश भी आया है. राकेश टिकैत ने मिल बन्दकर धरना प्रदर्शन करने को अनुचित बताया है, और मिल चलवाने की बात कही है. लेकिन सभी किसानों ने राकेश टिकैत की बात मानने से इनकार कर दिया है. इधर डीएम, एसपी, सीडीओ भी शनिवार को किसानों को मनाने और समझाने गोला चीनी मिल पहुंचे. लेकिन किसानों ने कहा- बिना पिछले साल के पेमेंट के किसान हटने वाले नहीं. वहीं, इस दौरान किसान मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष रामसिंह वर्मा की हालत धरना स्थल पर ही बिगड़ गई. आनन-फानन में उनको एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया है.
गौरतलब है कि खीरी जिले की बजाज की तीन चीनी मिलों पर करीब 600 करोड़ रुपये किसानों का पिछले सत्र का बकाया है. इसको लेकर पलिया में सबसे पहले किसानों ने चीनी मिल बंद कराकर धरना शुरू कर दिया. पलिया से शुरू हुआ धरना गोला भी पहुंच गया. गोला में भी किसानों ने चीनी मिल बंद करा गेट पर धरना देना शुरू कर दिया. पलिया में पिछले 15 दिनों से धरना चल रहा है, तो गोला में बकाया मूल्य भुगतान को लेकर पिछले 10 दिनों से लगातार किसानों का आंदोलन जारी है. किसान चीनी मिल चलने नहीं दे रहे हैं और बकाया भुगतान की मांग कर रहे हैं. गोला चीनी मिल पर किसानों का करीब 250 करोड़ रुपया बकाया है. वहीं पलिया चीनी मिल पर भी 200 करोड़ से ज्यादा बकाया है. खम्भारखेड़ा चीनी मिल पर भी डेढ़ सौ करोड़ बकाया है, जो पिछले पेराई सत्र का है.
शनिवार को किसानों को मनाने खीरी के डीएम महेंद्र बहादुर सिंह, एसपी संजीव सुमन और सीडीओ अनिल कुमार सिंह पहुंचे. किसानों की सभी अफसरों ने समस्या जानी. किसानों ने अपनी पीड़ा अफसरों को सुनाई. बोले- हमें अपने बेटे-बेटियों की पढ़ाई रुकवानी पड़ रही. फीस न जमा होने से बच्चे स्कूल में बेइज्जत किये जा रहे. शादी विवाह से लेकर दवा इलाज के लिए भी पैसा नहीं. डीएम ने बहुत समझाया कि चीनी मिल बन्द करने से आपका ही नुकसान है, पर किसान बोले अब आरपार की लड़ाई होगी. भुगतान नहीं तो मिल नहीं चलेगी.