लखीमपुर खीरी: लॉकडाउन-4 की घोषणा के साथ ही गोला गोकर्णनाथ के पुरोहितों और पंडों के सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है. बेरोजगारी और काम बंदी के दौर से गुजर रहे पुरोहितों ने कहा कि सरकार जब मदिरालय खोल सकती है, तो देवालय क्यों नहीं खुल सकते.
गोला गोकर्णनाथ में प्राचीन शिव मंदिर है. लॉकडाउन के बाद इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि मंदिर इतने लंबे समय तक बन्द है. मंदिर के पंडे और पुरोहित अब सरकार से मांग करने लगे हैं कि सरकार उनकी भी सुधि ले. महंत प्रदीप गिरी का कहना है कि लॉकडाउन चैत्र मास में हो गया था. गोला में चैती का मशहूर मेला होता है, वो पूरा लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया. इसके बाद सरकार एक के बाद एक लॉकडाउन घोषित करती रही और लोग हर लॉकडाउन का समर्थन करते रहे लेकिन अब सब्र का बांध टूटता जा रहा है. परिवार भुखमरी के कगार पर आ गए हैं.