लखीमपुर खीरी:आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग वोटर बनाने का अभियान भले ही चला रहा हो. मतदाता बनने में लोग उदासीन और लापरवाह ही हैं. बीएलओ का कहना है कि मतदाता मिल ही नहीं रहे हैं. मतदाता बनने में अब आधार बड़ा रोड़ा बन रहा है.
इलेक्शन कमीशन के निर्देश पर तहसील से लेकर बीएलओ घर-घर जाकर वोटर बना रहे हैं. नलकूप विभाग में ट्यूबवेल चालक जगजीवन बीएलओ हैं. वह चार वोटर कार्ड बैग से निकालकर दिखाते हैं कि महाराजनगर मोहल्ले में महीनों से ढूंढ रहे यह चार लोग मिल ही नहीं रहे. नए वोटर बनाने में लगे जगजीवन लिस्ट खोजते हैं.
मामले की जानकारी देते बीएलओ और एडीएम खीरी जगजीवन कहते हैं वोटर बनने में लोग उत्साह नहीं दिखा रहे. मोहल्ले में घूम-घूमकर वोट बना रहे पर लोग न तो सहयोग करते हैं न ही वोटर बनने में दिलचस्पी दिखाते हैं. इसका बड़ा कारण जगजीवन आधार को मानते हैं. उनका कहना है कि पहले आइडेंटिटी प्रूफ के तौर पर आधार कार्ड नहीं लगता था, वोटर आईडी लगती थी. अब आधार आने से वोटर आईडी का महत्व कम हो गया.अभी जब लिस्ट बन रही है तो लोग आ नहीं रहे. जब वोट पड़ते हैं तबलिस्ट में नाम ढूंढते हैं.
खीरी जिले में दो संसदीय सीटों लखीमपुर और धौरहरा का फैसला जिले के 27 लाख से ज्यादा वोटर करेंगे. निर्वाचन कार्यालय में वोटर बनाने काम हो रहा है. मतदाता सूची का काम पूरा हो चुका है. अभी नए मतदाताओं को वोटर बनने का मौका है. खीरी और धौरहरा लोकसभा में कुल 27 लाख 16 हजार 321 मतदाता हैं. अभी ये संख्या कुछ बढ़ भी सकती है. खीरी के एडीएम अरुण कुमार सिंह ने कहा कि जिसको भी मतदाता बनना है, अभी आखिरी मौका है. वह तहसील, बीएलओ या चुनाव कार्यालय में जाकर मतदाता बन सकते हैं. हम बराबर फार्म जमा करा रहे हैं.