लखीमपुर खीरी: जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों की तादात बढ़कर 166 हो गई है. जिले की तटवर्ती क्षेत्र मोहाना, सुहेली, शारदा, घाघरा और चौका नदियों के बाढ़ से प्रभावित हैं. जिले में 40 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि नेता व विधायक केवल चुनाव के समय ही आते हैं, ग्रामीणों के जरूरत पड़ने पर कोई भी नेता अब तक नहीं आया. वहीं डीएम का कहना है कि बाढ़ से घिरे सभी गांवों के एसडीएम को राहत किट और बाढ़ राहत सामग्री बराबर बांटने के निर्देश दिए गए हैं.
रेहरिया खुर्द गांव की भगवता देवी कहती हैं कि बाढ़ का पानी घरों तक घुस आया है. प्रशासन की तरफ से अभी तक न ही तिरपाल मिला है और न ही राशन सामग्री बांटी गई. घर में बच्चे भूखे हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.
लखीमपुर खीरी जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर नेशनल हाई-वे नम्बर 730 पर बाढ़ का पानी पसरा पड़ा है. ईटीवी भारत की टीम ने रेहरियां खुर्द गांव में बाढ़ पीड़ितों से बातचीत की. बाढ़ में घिरी भगवता का गांव रेहरिया खुर्द चौका और शारदा नदी के पानी से घिरा है. नेशनल हाई-वे ही बस इनका सहारा है. बाकी हाई-वे से लेकर गांव तक सिर्फ नाव ही सहारा है. घरों में भी डेढ़ महीने से घुटने-घुटने तक पानी भरा है.
ग्रामीणों का कहना है कि अब तो हरी-भरी गन्ने की फसल पीली पढ़ने लगी है. कहीं-कहीं केले के खेतों में पानी भरने से पेड़ डुंड हो गए हैं. हरियाली के बीच बाढ़ की वजह से एक उदासी फसलों पर दिखने लगी है. शारदा और चौका नदी के उफान पर होने से सबसे ज्यादा हाल खराब है.