लखीमपुर खीरी:जिले में शारदा नदी (Sharda River) ऊफान पर है. शारदा की विनाश लीला और तेज हो गई है. निघासन तहसील के मझरी (Nighasan Tehsil Majhri) ग्रंट नम्बर-12 गांव में एक मकान देखते ही देखते शारदा नदी (Sharda River) में समा गया. शारदा नदी (Sharda River) इस गांव को पूरी तरीके से तबाह कर चुकी है. पिछले एक महीने में अब तक 40 मकान शारदा नदी में समा चुके हैं. ग्रामीण अब सरकार से गांव को बचाने की गुहार लगा रहे हैं. शारदा नदी के निशाने पर इस बार भी आधा दर्जन गांव हैं. वहीं जिले में मोहाना, सुहेली और घाघरा नदी भी कई गांवों और खेती की जमीनों को लील रही हैं.
पहाड़ों पर हुई बरसात से मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. शारदा नदी बनबसा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है. पलिया में शारदा पुल पर नदी 60 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.शारदा (Sharda), घाघरा (Ghaghara River) और मोहाना नदियों ने बाढ़ के साथ अब भू-कटान से भी तबाही मचानी शुरू कर दी है. शारदा नदी इस बार निघासन और सदर तहसील की सीमा पर फूलबेहड़ इलाके के बसे मझरी ग्रंट नम्बर-12 में तबाही मचा रही है. यहां दीनानाथ यादव का मकान शारदा नदी में समा गया. इस घटना को देखने के बाद ग्रामीण दंग रह गए. इस गांव में दीनानाथ के अलावा गोवर्धन, दीनदयाल और महेश के मकान शारदा में बह गए. महीने भर में 40 से ज्यादा मकान शारदा में समा चुके हैं. अहिराना मझरी (Ahirana Majhari) गांव में पिछले एक महीने से शारदा नदी तबाही मचा रही है. दीनानाथ यादव पुत्र हरद्वारी का मकान तो लोगों के देखते-देखते ही कट गया और इसका कुछ लोगों ने वीडियो भी बना लिया, लेकिन तमाम और मकान इस गांव में कटकर शारदा नदी में समा चुके हैं. इससे गांव वाले परेशान हैं. न ही ग्रामीणों को सिर छुपाने की जगह बची है और न ही रहने को कोई ठिकाना मिल रहा है.
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मुहाना नदी का जलस्तर बढ़ने से पुरबिया बस्ती में तेजी से कटान हो रहा है. पुरबिया बस्ती का नामोनिशान मिटने की कगार पर है. यहां भी पूर्वांचल से आकर लोग नदी किनारे बसे हैं. इसीलिए इस गांव को पुरबिया बस्ती कहा जाता है. यहां रहने वाली रामकली का पक्का मकान नदी के बिल्कुल मुहाने पर आ गया है. कटान के डर से राकेश, नौलखा, राजेश आदि तमाम लोग अपना घर खुद उजाड़ने लगे हैं. बरसात के पहले सिंचाई विभाग द्वारा कटान रोकने के लिए लगाई गई परकुपाईन बह गई. घटिया काम होने की वजह से मोहाना की एक ही बाढ़ में सिंचाई विभाग का पूरा काम पानी की तरह बह गया और करोड़ों रुपये बर्बाद हो गए. अब मोहाना नदी आबादी के अंदर घुस गई है.
प्रधानपति चरनजीत सिंह का कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने बचाव कार्य नहीं किया, तो पूरा गांव मोहाना नदी में बह जाएगा. मोहाना नदी यहां तेजी से कटान कर रही है. धौरहरा तहसील में शारदा और घाघरा दोनों नदियों ने तबाही मचाई है. धौरहरा ब्लॉक में शारदा नदी तो ईसानगर ब्लॉक में घाघरा नदी तबाही मचा रही है. धौरहरा तहसील के रैनी समरदा गांव में बसंत, दिनेश, सोनू, शिवकुमार, इंद्रेश, हरिनाम व प्रीतम सहित तमाम किसानों की फसलें शारदा नदी ने निगल लिया. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. ईसानगर ब्लॉक में घाघरा नदी भी कटान कर रही है. वहीं लखपेड़ा समेत कई गांवों का सम्पर्क बाढ़ की वजह से कट गया है.
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