लखीमपुर खीरी: कोरोना काल में फीस माफी को लेकर प्राइवेट स्कूल और अभिभावक आमने-सामने हैं. स्कूल फीस माफी को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. वहीं अभिवावक फीस जमा नहीं कर रहे हैं. अभिभावक एसोसिएशन तीन महीने की फीस माफ करने और तीन महीने की फीस आधी करने का प्रस्ताव रख चुका है, लेकिन स्कूल प्रबंधन की ओर से अभी इस मामले पर आखिरी मोहर नहीं लगाई गई है. अभिभावक एसोसिएशन और प्राइवेट स्कूलों के एक प्रतिनिधिमंडल की डीएम और सदर विधायक की मध्यस्थता में सोमवार को कलेक्ट्रेट में बैठक हुई. इस दौरान फीस माफी पर कोई निर्णय लेने के उद्देश्य से चर्चा हुई, लेकिन बात नहीं बनी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद डीएम ने स्कूल एसोसिएशन को निर्णय लेने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है.
जब स्कूल नहीं खुले तो फीस भी नहीं लेनी चाहिए
कोरोना काल में स्कूल अभी तक नहीं खुले हैं और न ही बच्चों की पढ़ाई सुचारू हो पाई है. ऐसे में अभिभावक संघ बराबर प्राइवेट स्कूलों की फीस माफी की मांग कर रहा है. इसके चलते सोमवार को कलेक्ट्रेट में डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह की मध्यस्थता में अभिभावक संघ और प्राइवेट स्कूल संघ के प्रतिनिधियों की मीटिंग हुई. मीटिंग में अभिभावक संघ ने कहा कि स्कूल जब खुले ही नहीं, बच्चे पढ़े ही नहीं तो स्कूलों को फीस भी नहीं लेनी चाहिए.
अभिभावक संघ का कहना है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन में तीन महीने कारोबार बंद रहा. इससे अभिभावकों की आय पर भी प्रभाव पड़ा है. ऐसे में तीन महीने की फीस पूरी तरह माफ हो और तीन महीने की आधी फीस माफ की जाए. अभिभावक संघ की तरफ से दीपक पूरी ने कहा कि जब 14 साल हमारा बच्चा स्कूल में पढ़ता है तो महामारी के इस दौर में स्कूल प्रबंधकों को छह महीने की फीस नहीं लेनी चाहिए.