गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते आशीष की जमानत रद्द करके एक सप्ताह में सरेंडर का आदेश दिया था, कोर्ट द्वारा दी गई मियाद 25 अप्रैल तक थी. एक सप्ताह की मियाद पूरी होने के एक दिन पहले रविवार को आशीष मीडिया की नजरों से बचकर गुपचुप तरीके से अपने अधिवक्ता अवधेश सिंह के साथ सीजेएम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर आशीष के अधिवक्ता ने अर्जी दी, जिस पर सीजेएम कोर्ट ने आशीष को जेल भेज दिया.
68 दिन की आजादी के बाद आशीष मिश्रा को मिली जेल
लखीमपुर खीरी में किसानों को कथित तौर पर कुचलने के मामले में हत्यारोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा ने सरेंडर कर दिया है. पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने मिश्रा की जमानत रद्द की थी. आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र हैं. आशीष मिश्रा को दोबारा लखीमपुर खीरी की जेल में भेज दिया गया है. गौरतलब है कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में किसान आंदोलन कर रहे थे.
आरोप है कि आंदोलनकारी किसानों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र मोनू ने अपने साथियों के साथ थार गाड़ी चढ़ाकर उन्हें मार दिया. इसमें 4 किसानों और एक पत्रकार की हत्या में आशीष मिश्र और 12 अन्य आरोपी जेल भेजे गए थे. वहीं 3 बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी पीट पीटकर हत्या कर दी थी. मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी कर रही थी. एसआईटी ने 5000 पन्नों की चार्जशीट में आशीष को मुख्य आरोपी बताते हुए जानबूझकर सोची समझी साजिश के तहत हत्या करने के आरोप मढ़े हैं.
इसमें केंद्रीय मंत्री के पुत्र पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के साथ जेल भेज दिया गया था. बीते 15 फरवरी को आशीष मिश्र जेल से बाहर आ गये थे. जमानत आदेश को रद्द करने के लिए किसान परिवार 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट गए. 4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश पर फैसला सुरक्षित कर लिया. फिर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आशीष की जमानत को रद्द करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया.
तिकुनिया हिंसा मामले में सिर्फ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र मोनू को ही जमानत मिली थी. इसके अलावा मामले के 12 अन्य आरोपी अभी भी जेल में हैं. आशीष के एक अन्य रिश्तेदार को भी जमानत मिल गई थी. इसके अलावा अंकित दास, सुमित जायसवाल समेत 12 आरोपी लखीमपुर जिला जेल के सीखचों के पीछे हैं.
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