लखीमपुर खीरी: भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन 88 बरस की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए. लालजी टंडन का लखीमपुर खीरी जिले से बाप-बेटी जैसा रिश्ता था. जिले में पूर्व पालिका चेयरमैन नीरू पुरी टंडन जी को बाबू जी कहकर बुलाती थी. उन्होंने बताया कि वह हमेशा की तरह ही सिर पर हाथ रख कर आशीर्वाद देते थे. जिले का पुराना भाजपा कार्यालय आज भी लालजी टंडन के आने की गवाही दे रहा है. लालजी टंडन भाजपा का वो चेहरा थे जो हर दल, हर व्यक्ति को प्यारे थे. हिंदू हो या मुस्लिम, गरीब हो या अमीर, सब लालजी टंडन से मिलकर उनके व्यवहार के कायल हो जाते थे.
'जब मारा था मुक्का'
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष वर्तमान में मोहम्मदी से भाजपा विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह 'बाबूजी' को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं. वह कहते हैं कि एक बार बाबूजी मुझसे नाराज हो गए थे. मैं डरते डरते मिलने गया. उनसे पूछा बाबूजी आप मुझसे नाराज हैं क्या, तो उन्होंने मुझे झुकाया, पीठ पर जोर से एक मुक्का मारा और गले लगा लिया. बोले कभी कोई बाप बेटे से नाराज होता है क्या.
‘बहुत तेज थी याददाश्त’
लखनऊ का चौक हो खदरा या त्रिवेणी नगर लखीमपुर के मिश्राना संकटा देवी मोहल्ले भी लालजी टंडन के लिए घर सरीखे ही थे. भाजपा के जिला प्रवक्ता रमेश मिश्रा लालजी टंडन को याद करते हुए कहते हैं कि बाबू जी को कोई बरगला नहीं सकता था. नगर विकास मंत्री रहते लालजी टंडन एक बार लखीमपुर आए थे तो अफसरों ने सड़कों पर बालू मिट्टी डाल गड्ढे भर दिए कि सड़क खराब है पता न चले. लेकिन गेस्ट हाउस में पहुंचते ही बाबू जी बोले ये पैचिंग से काम नहीं चलेगा, बढ़िया डामर रोड बनवाइए.