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ट्रेंकुलाइज के बाद दो युवकों की जान लेने वाला आदमखोर बाघ पिंजरे में कैद, दिनभर चला ऑपरेशन

लखीमपुर खीरी वन विभाग (Lakhimpur Kheri Forest Department) की टीम ने लंबे ऑपरेशन के बाद आदमखोर बाघ (Man Eating Tiger) को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद कर लिया. बाघ ने बुधवार को एक किसान पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद से ग्रामीणों ने हंगामा करना शुरू कर दिया था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 17, 2023, 7:39 AM IST

ट्रेंकुलाइज के बाद बाघ पिंजरे में कैद.

लखीमपुर खीरी:उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में खौफ का पर्याय बना आदमखोर बाघ को वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद कर लिया है. बुधवार को बाघ ने एक युवा किसान को भी निवाला बना लिया था. गुरुवार को दिनभर चले ऑपरेशन में देर शाम को वन विभाग की टीम को सफलता मिली. क्षेत्र में बाघ के पकड़े जाने पर लोगों ने राहत की सांस ली है.

आदमखोर बाघ पिंजड़े में कैद.

दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन के मैलानी रेंज के कुकरा क्षेत्र में आदमखोर बाघ कई महीनों से टहल रहा था. बुधवार को बासूकपुर गांव में बाघ ने एक किसान नरेंद्र को अपना शिकार बना लिया था. गांव बासूपुर में आदमखोर बाग द्वारा किसान की मौत के बाद ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. ग्रामीणों के हंगामे के बाद किसान के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. आदमखोर बाघ ने अब तक 2 लोगों और कई पशुओं को अपना शिकार बना चुका है. इसके पहले पहले ग्रंट नंबर 3 में भी बाघ ने एक व्यक्ति को अपना शिकार बनाया था. इसके बास से आस-पास के क्षेत्रों में खौफ बन गया था.

जानकारी के अनुसार लखीमपुर खीरी वन विभाग द्वारा ट्रेंकुलाइज के बाद क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल बना हुआ है. वहीं, किसान नरेंद्र की मौत के बाद ग्रामीणों के रोष के बीच गांव में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. हालांकि बाग के पकड़े जाने पर वन रेंज अधिकारी मैलानी अनिल कुमार, वन दरोगा अखिलेश सिंह, वनरक्षक शीतला प्रसाद मिश्रा व वन विभाग की टीम के साथ ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. बाघ को छोड़ने के लिए वन विभाग की टीम उच्चाधिकारियों से बातचीत कर रणनीति बनाने में जुटी है.

दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा ने बताया कि ग्रामीणों के रोष और बाघ के हिंसक होने की जानकारी उच्चाधिकारियों और पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को भेजी गई थी, जिसके बाद बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति दी गई. वन विभाग की टीम ने 24 घंटे के भीतर ही ट्रेंकुलाइज कर आदमखोर बाघ को पकड़ने में सफलता मिल गई.

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