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लखीमपुर खीरी: किसान का बेटा अमेरिका में करेगा पढ़ाई, कार्नेल यूनिवर्सिटी में हुआ दाखिला - अमेरिका की कार्नेल यूनिवर्सिटी

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के परासन गांव निवासी किसान कमलापति तिवारी के बेटे अनुराग तिवारी का अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी कार्नेल में ग्रेजुएशन करने का मौका मिला है. छात्र का दाखिला सैट परीक्षा के जरिए हुआ है. उसने बताया कि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद देश की शिक्षी व्यवस्था को सुधारने पर काम करेगा.

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छात्र अनुराग.

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Published : Jul 17, 2020, 12:47 AM IST

Updated : Jul 18, 2020, 9:31 PM IST

लखीमपुर खीरी: जिले के परासन गांव के छात्र अनुराग तिवारी को अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी कार्नेल में ग्रेजुएशन में दाखिला मिला है. उसने गांव के प्राइमरी स्कूल में पांचवी तक पढ़ाई करने के बाद सीतापुर के विद्याज्ञान मंदिर में 12वीं तक पढ़ाई की है. सैट परीक्षा के जरिए उसका चयन न्यूयार्क की कार्नेल यूनिवर्सिटी में हुआ है. वह अर्धशास्त्री बनना चाहता है. सीबीएसई की 12वीं कक्षा में उसने 98.2 फीसदी अंक हासिल किए हैं.

किसान का बेटा अमेरिका में करेंगा पढ़ाई.


ईटीवी भारत से बातचीत में उसने बताया कि वह देश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने पर काम करना चाहता है. उसने बताया कि भारत देश में लैंगिक भेदभाव विकास में सबसे बड़ा बाधक है. अनुराग ने बताया कि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद गरीब वर्ग के लिए काम करेगा.

किसान है छात्र के पिता

छात्र के पिता कमलापति तिवारी गांव में खेती करते हैं और इसी से परिवार का गुजारा होता है. खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि बेटे में मेरी मेहनत सफल कर दी. उन्होंने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ने में तेज था. इसलिए उसका दाखिला सीबीएसई बोर्ड के स्कूल में घर से दूर कराया और उसने कड़ी मेहनत से अमेरिका की यूनिवर्सिटी में दाखिला पाया है. वहीं मां संगीता तिवारी ने कहा कि पढ़ाई खत्म करके वह कुछ ऐसा काम करे, जिससे समाज और देश का विकास हो.

अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में है रूची

छात्र ने बताया कि उसे अंतरराष्ट्रीय विषय और मुद्दे अधिक पसंद है. इसलिए वह अंतरराष्ट्रीय विषयों को अधिक पढ़ता है. इस साल सितंबर माह में उसका दाखिला यूनिवर्सिटी में हो जाएगा. अब वह अर्थशास्त्र और गणित विषय से ग्रेजुएशन करेगा. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि उसने पूरे गांव का नाम देश में रोशन कर दिया है. इससे गांव के अन्य बच्चे भी प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे.

वहीं गांव के प्राइमरी स्कूल के शिक्षक ने बताया कि अब सरकारी स्कलों में पढ़ाई का तौर- तरीका बदल गया है, यहां से शुरुआती शिक्षा लेकर बच्चे आगे बढ़ रहे हैं. सरकारी स्कूलों को लेकर अब लोगों की अपनी धारणा बदलनी चाहिए.

Last Updated : Jul 18, 2020, 9:31 PM IST

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