लखीमपुर खीरी:जिले में कोरोना काल में इंडियन बैंक किसानों के लिए ओटीएस स्कीम लाई है. जिसमें किसान अपने खातों को फिर से शुरू करा सकते हैं. साथ ही पुराना कर्ज जमाकर नया कर्ज भी ले सकते हैं. इसके अलावा अपने केसीसी की लिमिट भी बढ़वा सकते हैं. यह स्कीम केसीसी धारक किसानों के लिए है. जो कई सालों से कर्ज लेने के बाद पैसा नहीं जमाकर पा रहे हैं और उनके खाते एनपीए हो गए हैं. इंडियन बैंक ऐसे पुराने एनपीए खातों पर ब्याज में 10 से 30 फीसदी की भारी छूट दे रही. साथ ही किसानों को नए खाते शुरू करने की सुविधा भी.
दरअसल, खीरी जिले में इलाहाबाद बैंक जो अब इंडियन बैंक हो गई. यहां के कुल लोन में एग्रीकल्चर लोन की हिस्सेदारी 90 फीसदी है. पिछले कुछ सालों से किसान बैंक से कर्ज लेकर उसे चुकता नहीं कर रहे हैं. नतीजन खाते एनपीए हो रहे. इंडियन बैंक के खीरी जिले में करीब 60 हजार छोटे, मझोले और बड़े किसान केसीसी होल्डर हैं. इन 60 हजार किसानों में 18452 किसानों के खाते एनपीए में जा चुके हैं. मतलब 18 हजार से ज्यादा किसान बैंक से पैसा लेकर वापस करना भूल गए. ऐसे किसानों पर ब्याज बढ़ता जा रहा है. किसान कर्ज के बोझ में दबते चले जा रहे हैं.
इंडियन बैंक ने ऐसे ही कर्जदार किसानों के लिए ओटीएस यानी वन टाइम सेटलमेंट योजना शुरू की है. जिसमें किसान एक बार कर्ज के पैसे का जुगाड़कर जमा करता है तो उसे ब्याज में रियायत के साथ फिर से बैंक कर्ज देने को तैयार है. वह टाइम सेटलमेंट योजना में किसानों को बड़ा फायदा बैंक दे रही है. जिसमें उनका ब्याज और मूल पर ब्याज में बड़ी राहत किसान को दी जा रही. इंडियन बैंक के एजीएम मनोज कुमार शर्मा कहते हैं कि हम किसान को फिर से मूल धारा में लाने का प्रयास कर रहे. कर्ज की रिलेंडिंग कर किसान को ब्याज से मुक्त और फिर से पैसा देने की व्यवस्था कर रहे हैं. जिससे किसान मूल धारा में आ सकें.