लखनऊः हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड मामले में अभियुक्त बनाए गए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. इसके साथ ही न्यायालय ने मामले की पूरी केस डायरी राज्य सरकार के अधिवक्ता से तलब की है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर पारित किया.
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की ओर से दलील दी गई कि मामले में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि वह गाड़ी की बाईं सीट पर बैठा गोली चला रहा था. जबकि मृतकों अथवा घटनास्थल पर मौजूद किसी भी व्यक्ति को गोली से लगने वाली चोट नहीं आई है. दलील दी गई कि यदि अभियोजन के इस तथ्य को देखा जाए तो यह भी स्पष्ट होता है कि आशीष मिश्रा गाड़ी नहीं चला रहा था, जबकि किसानों की मौत गाड़ी से कुचले जाने के कारण हुई है.
आशीष मिश्रा के वकील ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि ऐसा कोई भी साक्ष्य एसआईटी ने नहीं संकलित किया है जिससे यह साबित हो सके कि आशीष मिश्रा ने गाड़ी चढाने के लिए उकसाया हो अथवा वह उक्त अपराध के लिए समान आशय रखता हो. घटना के वक्त आशीष मिश्रा दंगल के आयोजन में मौजूद था और इस सम्बंध में जांच एजेंसी को साक्ष्य भी मुहैया कराए गए थे, लेकिन विवेचना में उनकी अनदेखी की गई.