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लखीमपुर खीरी: बाघ का खौफ बरकरार, आज आएंगे ग्लोबल टाइगर फोरम के अध्यक्ष - लखीमपुर खीरी में बाघ का आतंक

लखीमपुर खीरी में जंगलों में 21 लोगों की जान लेने वाले बाघ की तलाश में अब दिल्ली से एक्सपर्ट लखीमपुर आए हैं. ग्लोबल टाइगर फोरम के चेयरमैन आज बाघ प्रभावित इलाके का दौरा करेंगे.

लखीमपुर खीरी में बाघ का खौफ
लखीमपुर खीरी में बाघ का खौफ

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Published : Jun 30, 2022, 9:32 AM IST

लखीमपुर खीरी: खैरटिया और मझरा पूरब के जंगलों में 21 लोगों की जान लेने वाले बाघ की तलाश में अब दिल्ली से एक्सपर्ट लखीमपुर आए हैं. ग्लोबल टाइगर फोरम के चेयरमैन राजेश गोपाल गुरुवार को बाघ प्रभावित इलाके का दौरा करेंगे. बाघ के खौफ में जी रहे इस पूरे इलाके में लोग रात को अब बाइक से निकलने में भी डर रहे हैं. वन विभाग ने अब इस इलाके में पांच टीमों को डिप्लॉय किया है. जो आदमखोर बाघ की निगहबानी कर रही हैं. इलाके में कोई नया बाघ पिजरे में नहीं कैद हुआ है.

दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि वह पूरी तरीके से सतर्क हैं. अभी वेट एंड वाच वाली स्थिति में हैं. जिस बाघ को पिंजरे में पकड़ा गया उसे एक दो दिन में छोड़ दिया जाएगा, अगर कोई नई घटना नहीं होती है. फिलहाल, दो दिनों से सब शांत है. लखीमपुर खीरी के मझरा पूरब और खैरटिया के जंगलों में करीब 10 किमी. के इलाके में पिछले दो सालों में 21 लोगों की मौत बाघ के हमले में हो चुकी है. अभी वन विभाग यह पता नहीं कर पाया है कि यह सभी मौतें एक ही बाघ द्वारा हुईं या अलग-अलग बाघों ने इनको अंजाम दिया. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि इस इलाके में कैमरा ट्रैप में अब तक दो बाघ कैमरे में कैद हुए हैं. इसमें एक बाघ है और एक बाघिन. इनमें प्रभावित इलाके में एक नर बाघ पिंजरे में कैद हो गया. अभी इसे नहीं छोड़ रहे हैं, क्योंकि तय ये करना है कि यही बाघ घटनाओं को अंजाम दे रहा था या दूसरा. अभी फिलहाल दो दिनों में कोई किलिंग नहीं हुई है.

कतर्नियाघाट और दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन के खैरटिया और मझरा पूरब के आसपास का जंगल बाघों का पुराना आशियाना रहा है. इस इलाके में पिछले दो सालों से एक-एक कर बाघ 21 लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं. लगातार मैन एनिमल कानफ्लिक्ट की घटनाओं को देखते हुए डब्लूटीआई, डब्लूडब्लूएफ दुधवा प्रशासन और लखनऊ जू की टीमों ने इलाके में डेरा डाला हुआ है. दुधवा के पालतू हाथियों द्वारा कॉम्बिंग की जा रही है. वन विभाग के अफसर यही चाहते हैं कि अब किलिंग की घटनाएं और न बढ़ें. लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अब गुरुवार को मंझरा पूरब और खैरटिया के इस बाघ के खौफ में जी रहे लोगों को निजात दिलाने ग्लोबल टाइगर फोरम के राजेश गोपाल आ रहे हैं.

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दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि ये इलाका बड़ा दुरूह इलाका है. जंगल वाटर बॉडीज, बेंत का जंगल और गन्ने के खेत के साथ इस इलाके में मानव आबादी की दखलंदाजी बहुत है. ऐसे में किलिंग की घटनाएं बढ़ गईं हैं. उन्होंने कहा कि वे कोशिश में हैं कि किलर बाघ को ट्रेस कर उसे पकड़ा जाए. कोई निर्दोष बाघ न पकड़ा जाए. पूरे इलाके को खाबड़ से भी घेरा गया है.

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