लखीमपुर खीरीः दुधवा टाइगर रिजर्व में गुरुवार को ग्लोबल टाइगर डे (Global Tiger Day) बाघों की सुरक्षा के दिवस के रूप में मनाया गया. इस दौरान दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve) में 10 हजार किलोमीटर पैदल, साइकिल और मोटरसाइकिल से गश्त कर फील्ड स्टाफ ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया. इस मौके पर फील्ड स्टाफ के अलावा बाघ मित्रों को बाघों और जंगलों की सुरक्षा की शपथ दुधवा के डायरेक्टर ने दिलाई.
दुधवा टाइगर रिजर्व में बुधवार रात 12 बजे से ही लांग पेट्रोलिंग मार्च शुरू कर दिया गया. डायरेक्टर संजय कुमार, डिप्टी डायरेक्टर मनोज सोनकर, बफर जोन के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर अनिल कुमार पटेल अपने इलाकों में रात से ही गश्त पर निकले. रात को अलग-अलग टीमो में हर रेंज के रेंजर की देखरेख में वन दरोगा, फारेस्ट गार्ड और वाचर भी निकले. कुछ ने पैदल तो कुछ ने साइकिल और मोटरसाइकिल से भी पेट्रोलिंग में हिस्सा लिया. गश्त के दौरान मॉडर्न तकनीक M stripes (Monitoring System for Tigers) का भी प्रयोग भी किया गया. घने जंगलों में मानसून के दौरान पानी भरी राहों पर भी गश्त किया गया.
गश्त के बाद डायरेक्टर संजय कुमार ने बाघ मित्रों (Tiger Friends) को जंगल और बाघों को बचाने के लिए शपथ दिलाई. इसके बाद साइकिल जागरूकता रैली का भी आयोजन किया गया. जिसे डायरेक्टरहरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके बाद कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दुधवा में एक बाघ गोष्ठी का भी आयोजन हुआ. गोष्ठी में फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार ने कहा कि बाघों को बचाना इसलिए जरूरी है कि ये हमारी जिंदगी से जुड़े हैं. बाघ बचेंगे तभी जंगल बचेंगे और जंगल सर्वाइवल के लिए जरूरी है. संजय कुमार ने कहा कि यूपी में फारेस्ट स्टाफ एनजीओ और बाघ बचाने में शामिल हर एक उस व्यक्ति की मदद से ही यूपी में 2014 की तुलना में 2018 में बाघ 117 से 173 हो गए हैं. दुधवा बाघों का पसंदीदा घर है.
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दक्षिण खीरी वन प्रभाग में डीएफओ समीर कुमार ने मोहम्मदी वन रेंज में ग्लोबल टाइगर डे पर बाघ मित्रों को सम्मानित किया. इस इलाके मे रिजर्व फारेस्ट नहीं है लेकिन बाघों की तादात छोटे-छोटे जंगलों के पैचेज में भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है.