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Lakhimpur Kheri case: अंकित दास समेत पांच ने सीजेएम अदालत में डाली जमानत अर्जी...

तिकुनिया हिंसा मामले के आरोपी अंकित दास समेत पांच आरोपियों ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखीमपुर खीरी की अदालत में जमानत अर्जी दी है.

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Published : Jan 6, 2022, 8:14 PM IST

लखीमपुर खीरीः तिकुनिया हिंसा मामले में थार से कुचलकर चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने के आरोप में जेल में निरुद्ध अंकित दास समेत पांच आरोपियों ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखीमपुर खीरी की अदालत में जमानत अर्जी दी है. उनके वकील शैलेन्द्र सिंह गौड़ ने यह जमानत अर्जी दी. धाराएं बदले जाने के बाद इससे पहले बुधवार को सात आरोपियों ने भी सीजेएम अदालत में जमानत अर्जी डाली थी.

तीन अक्टूबर, 2021 को तिकुनिया में लखीमपुर खीरी सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के दिए गए बयान से नाराज किसान प्रदर्शन कर रहे थे. तभी मंत्री अजय मिश्र की थार गाड़ी ने किसानों के एक समूह को रौंद दिया था. इसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौके पर मौत हो गई थी. वहीं करीब दर्जनभर से अधिक किसान घायल हो गए थे. हिंसा में जेल में बंद मंत्री पुत्र आशीष मिश्र के व्यापारी दोस्त अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, नन्दन सिंह विष्ट और सत्यप्रकाश उर्फ सत्यम त्रिपाठी ने अपने वकील के मार्फ़त सीजेएम अदालत में जमानत अर्जी डाली है.

बुधवार को इससे पहले तिकुनिया हिंसा के कुल 13 आरोपियों में सात आरोपियों बीजेपी सभासद सुमित जायसवाल, रिंकू राना, धर्मेंद्र बंजारा, आशीष पाण्डेय, लवकुश राना, उल्हास उर्फ मोहित त्रिवेदी और शिशुपाल ने जमानत के लिए सीजेएम कोर्ट में अर्जी डाली थी. इस मामले में एसआईटी ने धाराएं बदल दी हैं. इस वजह से सातों आरोपियों ने जमानत अर्जी दी है.


वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (SPO) एसपी यादव ने बताया कि सीजेएम अदालत ने सभी आरोपियों को निर्देशित किया है कि वे स्पष्ट करें कि उनकी कोई भी बेल अप्लीकेशन सेशन या हाईकोर्ट में निर्णय के लिए लंबित नहीं हैं. अदालत ने बेल पर सुनवाई की शुक्रवार की तिथि निश्चित की है. अदालत ने इसके लिए आरोपियों के एफिडेविड जमा करने को कहा है.

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तिकुनिया हिंसा मामले में दर्ज 219 नम्बर केस में सीजेएम अदालत में जमानत प्रार्थनापत्र तब डाले गए जब तीन जनवरी को एसआईटी ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र समेत जेल में बंद 13 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं में बढोत्तरी कर आरोप पत्र दाखिल किया.

एक मुकदमे में आरोपी वीरेंद्र शुक्ला को बढ़ाया गया, जो गृह राज्य मंत्री का साला है. वीरेंद्र शुक्ला पर सबूतों को छिपाने (IPC 201) का आरोप है.

मुकदमें में धारा 427, 34 और 177 मोटर व्हीकल एक्ट बढाई गई है. वहीं सभी 13 आरोपियों पर 147, 148, 149, 307, 326, 302, 120 बी भी लगाई गई है. मामले में सुमित जायसवाल पर 3/25 आर्म्स एक्ट, मंत्री पुत्र आशीष मिश्र,अंकित दास, लतीफ उर्फ काले और सत्यम त्रिपाठी पर आर्म्स एक्ट की धारा 30 (लाइसेंसी असलहों का दुरुपयोग) और एक अन्य आरोपी नन्दन सिंह विष्ट पर 5/27 (आशीष की लाइसेंसी रायफल का दुरुपयोग) करने की धाराएं लगी हैं. अब तिकुनिया हिंसा मामले में 14 आरोपी हो गए हैं. वहीं एसआईटी को दो और आरोपियों की तलाश है.

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