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लखीमपुर खीरी: धधकती जमीन में ही दफन था धरती से आग के शोले निकलने का राज

लखीमपुर खीरी जिले में धरती फटने और उससे आग के शोले निकलने का राज जमीन के नीचे ही दफन था. दरअसल जंगल के किनारे दलदली जमीन होने के चलते वर्षों से वहां पर ऑर्गेनिक पदार्थ जमा हो गए थे जिससे भीषण गर्मी के चलते उसमें आग लग गई.

जमीन से आग निकलते देखते ग्रामीण.

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Published : Jun 17, 2019, 8:18 PM IST

लखीमपुर खीरी: दक्षिण खीरी वन प्रभाग के मोहम्मदी रेंज में जमीन से आग के शोले निकलने का राज जमीन के नीचे ही दफन था. वन विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने संयुक्त जांच में किस वजह से जमीन से आग निकल रही थी इसका खुलासा किया. वहीं जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वहां पर आग वर्षों से जमे ऑर्गेनिक पदार्थों और भीषण गर्मी के चलते लगी है.

जानकारी देते जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह.

दरअसल लखीमपुर खीरी जिले के मोहम्मदी रेंज से बीते 15 जून को खबर आई कि बेलापहाड़ा कम्पार्टमेंट के 3-बी के पास दुल्हापुर गांव के जंगल मे धरती फटने लगी है. यही नहीं जमीन से आग के शोले भी निकल रहे हैं. करीब दो हेक्टेयर जमीन आग और धरती फटने से प्रभावित है. इसमें तीन पैचों में जमीन के नीचे से आग धधक रही है और धुआं निकल रहा है. इसकी जानकारी होने पर तहसीलदार मोहम्मदी ने प्रभावित इलाके का मुआयना किया. इस दौरान रेंजर मोहम्मदी भी वहां पहुंच गए. दोनों अधिकारियों ने आग को समझने के लिए उच्चाधिकारियों से सलाह ली.

वन विभाग ने बताया पीट फायर

मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार ने एसडीएम मोहम्मदी स्वाति शुक्ला, एसडीओ दक्षिण खीरी वन प्रभाग और तहसीलदार मोहम्मदी आशीष तिवारी के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की. जांच कमेटी ने जेसीबी से दो मीटर नीचे तक जब खुदाई कराई तो आग दो मीटर नीचे तक मिली. वन विभाग ने बताया कि ये पीट फायर (PEAT FIRE) होती है, जो पुरानी दलदली जमीनों पर जंगल के ऑर्गेनिक मैटर इकट्ठे होने और गर्मी की वजह से सुलगने लगती है. अंदर ही अंदर आग सुलगने से जमीन धंसकर चटक जाती है.

जांच रिपोर्ट पर क्या बोले जिलाधिकारी

जांच कमेटी ने जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह को जांच रिपोर्ट सौंप दी है. जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पूरे प्रभावित इलाके में ट्रेंच कराकर घेर दिया गया है, आरक्षित वन क्षेत्र सुरक्षित है. वन विभाग के कर्मचारी बराबर प्रभावित इलाके पर नजर बनाए हुए हैं, जो प्रतिदिन रिपोर्ट देंगे.

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