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लखीमपुर खीरी में 75 घंटे का धरना खत्म, राकेश टिकैत बोले दिल्ली में तय होगी आगे की रणनीति - तिकुनिया हिंसा

लखीमपुर खीरी में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले चल रहे किसान आंदोलन के समापन की घोषणा कर दी है.

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भारतीय किसान यूनियन

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Published : Aug 20, 2022, 10:08 PM IST

लखीमपुर खीरीः संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लखीमपुर खीरी में चल रहे 75 घंटों के किसान महापड़ाव की शनिवार को राकेश टिकैत ने समापन की घोषणा कर दी. राकेश ने समापन की घोषणा करते हुए कहा कि हमारे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य प्रदेशों के किसानों ने लखीमपुर का रास्ता देख लिया है. अब यहां आने में कोई दिक्कत नहीं होगी. यदि सरकार तिकुनिया हिंसा में साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी नहीं करती है, जेल में बंद चार किसानों पर से मुकदमे वापस नहीं लेती और उन्हें रिहा नहीं करती तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.

6 सितंबर को दिल्ली में होगी मीटिंग
भाकियू नेता राकेश टिकैत और जोगिंदर सिंह उग्राहा ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की तिकुनिया में चार किसानों और एक पत्रकार को थार से कुचलकर मारने के मामले में दर्ज एफआईआर में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में गिरफ्तारी की मांग की. भाकियू नेता ने डीएम और एसपी को मंच पर ज्ञापन सौंपा. संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी ऐलान किया कि छह सितम्बर को दिल्ली में होने वाली मीटिंग में आगे की रणनीति तय की जाएगी. आंदोलन तब तक चलेगा जब तक न्याय नहीं मिल जाता.

राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत

प्रशासन ने नहीं दी मार्च निकालने की अनुमति
आज तीसरे दिन लखीमपुर की मंडी समिति दूरदराज के राज्यों और यूपी के अलग-अलग जिलों से आए किसानों से भरी रही. संयुक्त किसान मोर्चा ने आज 11 बजे किसानों का पैदल मार्च लखीमपुर शहर में निकालने का आह्वान किया था, लेकिन प्रशासन ने उसकी अनुमति नहीं दी थी. प्रशासन और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक लंबी मीटिंग चली, इसके बाद यह तय हुआ कि ज्ञापन मंडी समिति में ही लिया जाएगा. कलेक्ट्रेट गेट तक मार्च नहीं निकाला जाएगा.

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किसानों को खीरी का रास्ता दिखाने के लिए हुआ था धरना
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीडिया के सामने यह घोषणा की कि मार्च नहीं निकाला जाएगा और अफसर मंच पर ही आकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन लेंगे. मंच पर पहुंचे राकेश टिकैत ने दूर-दूर से आए किसानों का धन्यवाद दिया और कहा कि अब किसानों ने लखीमपुर का रास्ता देख लिया है. यह धरना 75 घंटों का था और यह धरना सिर्फ लखीमपुर का रास्ता देखने के लिए था.

उन्होंने कहा कि यदि अजय मिश्र टेनी पर कार्रवाई नहीं होती है, 4 किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए जाते हैं, घायल किसानों को तिकुनिया कांड के वक्त सरकार द्वारा किए गए वायदे के अनुसार मुआवजा नहीं मिल जाता और एमएसपी पर जो किसान आंदोलन के समय सरकार ने वादा किया था वह पूरा नहीं हो जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने सभी से एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहने के लिए भी कहा. कहा कि छह सितंबर को दिल्ली में मीटिंग में आगे की रणनीति तय होगी.

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किसान को अनदेखी हुई, तो होगा बड़ा आंदोलन
पंजाब से आए किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहा ने कहा कि लखीमपुर का ये धरना सरकार को चेताने के लिए भी था कि अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ और न ही संयुक्त किसान मोर्चा बिखरा है. उन्होंने कहा कि 'एक हैं और एक थे.' अगर किसानों की अनदेखी हुई तो एक बड़ा आंदोलन फिर खड़ा किया जाएगा.

किसान नेता उग्राहा ने कहा कि जब तक भगत सिंह का सपना साकार नहीं होता हम जुल्म और ज्यादती के खिलाफ लड़ते रहेंगे, चाहें जुल्मी हुकूमत ही क्यों न हो. किसानों के धरने में सरकार से गन्ना किसानों का यूपी भर में बकाए का भुगतान, छुट्टा आवारा जानवरों से हो रहे नुकसान, एमएसपी पर खरीद और लखीमपुर मंडी में उल्टी बोली का भी मुद्दा जोरशोर से उठा.

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