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लखीमपुर खीरी में 4 गांवों में चुनाव का बहिष्कार, ग्रामीणों ने कहा- विकास नहीं तो वोट नहीं - लोकसभा चुनाव

लखीमपुर खीरी जिले में सड़क ने बनने से नाराज चार गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया. ग्रामीणों ने को समझाने पहुंचे एसडीएम अरुण कुमार सिंह की बातें भी ग्रामीणों ने नहीं मानी.

चुनाव का बहिष्कार करते ग्रामीण

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Published : Apr 29, 2019, 8:39 PM IST

लखीमपुर खीरी: जिले में चार गांवों में ग्रामीणोंं ने मतदान का बहिष्कार किया. रोड न बनने से नाराज ग्रामीणों ने 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के जमकर नारे लगाए. इस दौरान पोलिंग बूथ पर पीठासीन अधिकारी से लेकर सुरक्षाकर्मी तक सभी वोटरों का इंतजार करते रहे, लेकिन मतदान का समय खत्म होने तक कोई वोट डालने नहीं आया.

जानकारी देते संवाददाता

सड़क ने बनने से नाराज थे ग्रामीण

दरअसल, फूलबेहड़ क्षेत्र के शारदा नदी के तटबंध से सटे बसहा भूड़ गांव और बड़ागांव में सबसे पहले रोड को लेकर मतदान बहिष्कार की खबरें सामने आईं. खबरों को संज्ञान में लेते हुए प्रसाशनिक अधिकारी गांव पहुंचे और ग्रामीणोंं को मतदान करने के लिए कहा, लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए. ग्रामीणों का कहना था कि जब क्षेत्र में विकास हुआ ही नहीं तो वोट किस काम पर दें. हालांकि देर शाम एसओ फूलबेहड़ ने जबरन एक वोट बड़ागांव में डलवा दिया.

फूलबेहड़ क्षेत्र के भाषाबोल गांव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया. शाम पांच बजे तक यहां एक भी वोट नहीं पड़ा था. गोला के कुंवरपुर गांव में भी ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया. इसके अलावा ग्रंट नंबर 12 में सिर्फ 3 वोट पड़े. हालांकि दोपहर बाद समझाने पर कुछ वोट जरूर डाले गए.

गांव में बूथ न होने से नाराज होकर नहीं किया मतदान

वहीं बिजुआ क्षेत्र के चौखड़िया गांव में ग्रामीणों ने बूथ पड़ोस के गांव गोंधिया में बनाने से नाराज होकर वोटिंग करने नहीं गए. यहां छुट्टी लेकर सेना का जवान वोट करने आया था, लेकिन गांव वालों के सामूहिक फैसले के आगे वह भी वोट नहीं कर पाया. गांव में करीब 750 वोटर हैं. पुलिस और अफसरों ने गांव वालों को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई भी नहीं माना. एसडीएम अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कई बार गांव वालों को समझाया गया, लेकिन वह नहीं माने.

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