लखीमपुर खीरी: दुधवा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व अब एक नवंबर से नहीं खुलेगा. बेमौसम की बरसात और बाढ़ ने दुधवा में पर्यटन सत्र शुरू करने की व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया है. इसके चलते अभी न दुधवा की सड़कें बन पाई हैं और न ही यात्री सुविधाओं की व्यवस्था का उपाय हो पाया है. सबसे बड़ी बात है कि दुधवा पहुंचने के सभी रास्ते ही अभी तक नहीं खुल पाए हैं. हाईवे तक बाढ़ में बह गए हैं.
दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि अभी व्यवस्थाएं ठीक करने में कम से कम 10 से 15 दिन तो जरूर लग जाएंगे. हम बराबर स्थिति पर निगरानी रखे हैं, लेकिन अभी हालात हमें पर्यटन सत्र शुरू करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. दुधवा के कच्चे रोड भी कट गए हैं, पुल बह गए हैं. बाढ़ ने जंगल का भी काफी नुकसान किया है. ऐसे में एक नवम्बर से तो पार्क बिल्कुल ही नहीं खुल पाएगा.
गौरतलब है कि पिछले दो सालों से दुधवा टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र 15 दिन पहले से शुरू होने लगा था. टूर ऑपरेटर्स की भी बड़ी मांग थी कि दुधवा में पर्यटन सत्र थोड़ा पहले शुरू हो. मध्य प्रदेश हो या महाराष्ट्र समेत अन्य प्रदेशों में पर्यटक सुविधाएं जल्दी शुरू हो जाती है. वहां पर्यटन व्यवसाय काफी है. लोकल लोगों की भी इससे इनकम बढ़ती है, पर यूपी के दुधवा टाइगर रिजर्व में हमेशा से 14 नवंबर से ही मानसून के बाद पर्यटन सत्र शुरू होता था.
2020 में यूपी सरकार और और इको टूरिज्म और वन विभाग ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया था और दुधवा टाइगर रिजर्व को 15 दिन पहले यानी एक नवंबर से खोलना शुरू कर दिया था. एक बार भी दुधवा टाइगर रिजर्व को एक नवंबर से खोलना था, पर 19 अक्टूबर को बनबसा बैराज से शारदा नदी में 5.47 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ का पानी आ जाने से जंगल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. बाढ़ आने से जंगल की सड़कें और व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई है. जंगल के अंदर के कच्चे रास्ते बाढ़ की वजह से कट गए हैं. कई रेंजों में लकड़ी के बने पुल तक बह गए हैं.
इधर दुधवा टाइगर रिजर्व को लखनऊ और दिल्ली से जोड़ने वाला मुख्य सड़क मार्ग एनएच 731 भी बाढ़ की चपेट में आकर कई किलोमीटर तक क्षतिग्रस्त हो गया है. भीरा के बाद पलिया तक करीब 15 किलोमीटर में कई जगह एनएच बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसकी वजह से पलिया में बड़े वाहनों का आना-जाना भी अभी शुरू नहीं हो पाया है.