लखीमपुर खीरी : लखीमपुर खीरी- यूपी के दोनों टाइगर रिजर्व 15 नवंबर से सैलानियों के लिए खुल जाएंगे. दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में सैलानी बाघों के दीदार कर सकेंगे. सैलानियों को वाइल्ड सफारी करने का मजा भी मिलेगा. यूपी के वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने दुधवा, पीलीभीत और कर्तनियाघाट समेत यूपी के सभी वन्यजीव विहारों को पर्यटकों के लिए खोलने की नई तारीख को हरी झंडी दे दी है.
गौरतलब है कि पहले दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व को इको टूरिज्म बढ़ाने के उद्देश्य से एक नवम्बर से खोलने का आदेश हुआ था, पर तराई के जिलों और पहाड़ों से आई बाढ़ के पानी ने जंगल के रास्तों को खराब कर दिया था. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि हाई लेबल मीटिंग में विचार- विमर्श के बाद 15 नवम्बर से ओपनिंग की डेट को मंत्री ने अनुमति दी है.
दुधवा टाइगर रिजर्व और पीलीभीत टाइगर रिजर्व तराई के बाघों के लिए मशहूर है. हिमालय की तराई के जंगल जितने खूबसूरत हैं. उतने ही खूबसूरत तराई के टाइगर भी हैं. तराई के बाद अभी बिल्कुल नेचुरल हैं. बेसिक इंस्टिंक्ट इन बाघों में पूरी तरीके से नेचुरल है. तराई के बाद शर्मीले भी हैं जो इनके नेचुरल इंस्टिक्ट को दर्शाते हैं. तराई के जंगलों में पाए जाने वाले बाग बेहद खूबसूरत हैं. इन्हें देखने तभी दूर दूर से सैलानी खिंचे चले आते हैं.
दुधवा टाइगर रिजर्व में इस बार सैलानियों को जंगली हाथियों के कुनबे भी देखने को खूब मिलेंगे. दरअसल नेपाल से आने वाले माइग्रेटरी हाथी इस बार दुधवा में ही ठहरे हुए हैं. यह कभी पीलीभीत के जंगल में चले जाते हैं तो कभी दुधवा के जंगलों में घूमते चले आते हैं. हाथियों को खाने पीने के लिए जंगल और आस-पास खूब मिल रहा सो हाथी रुके हुए हैं. हाथियों के कुनबे में छोटे बच्चे भी हैं. इस बार बारिश के दिनों में भी हाथी खूब दिखाई पड़े हैं. सड़कों पर निकल कर आए. कई जगह तो खेतों में नुकसान भी किया पर जंगली हाथियों का कुनबा इस बार दुधवा टाइगर रिजर्व में रुका हुआ है. दुधवा टाइगर रिजर्व नेपाल के घुमंतू हाथियों को भा गया है. यहां की आबोहवा हाथियों को पसंद आ गई है.