लखीमपुर खीरीः जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस अपनी-अपनी बिसात बिछाने में लगे हुए हैं. कुर्सी की जंग में सपा-भाजपा आमने सामने है. भाजपा के सामने जहां कुर्सी और साख बचाने की चुनौती है. वहीं, समाजवादी पार्टी भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है. समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी अपने-अपने पाले में सदस्यों को करने के लिए जी जान से जुटी हुई है.
खीरी में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. भाजपा ने जिला पंचायत चुनाव को बड़ी शिद्दत से लड़ा था. 72 सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार तयकर उतारे थे. क्षेत्रीय संगठन मंत्री और लखनऊ से लेकर लखीमपुर तक भाजपा संगठन और माननीयों ने पंचायत चुनाव में बड़ी मेहनत की थी. लेकिन जिला पंचायत सदस्यों के रिजल्ट बंगाल चुनाव की तरह ही निकले. चुनाव नतीजे आए तो भाजपा पदाधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई. तराई के खीरी जिले में भाजपा 72 सीटों में दहाई के आंकड़े को भी नहीं छू पाई. संगठन की लिस्ट में दिए गए टिकटों में से सिर्फ 6 पंचायत सदस्य ही जीते. हाल समाजवादी पार्टी का भी बहुत अच्छा नहीं रहा. समाजवादी 65 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें 16 सदस्य ही जीत सके, जबकि दावा 21 सदस्यों के जीतने का है. इधर, बहुजन समाज पार्टी के भी आठ सदस्य जीतकर आए. इसके अलावा निर्दलीय ही सबपर भारी रहे.
सबसे ज्यादा जीते मुस्लिम प्रत्याशी
जिला पंचायत चुनाव इस बार सबसे ज्यादा मुस्लिम जाति के प्रत्याशी जीतकर आए हैं. 14 मुस्लिम जिला पंचायत सदस्य महिला और पुरुष जीते हैं. इसके अलावा फांसी बिरादरी से 9, हरिजन तीन, कुर्मी 10, यादव 2, मौर्य 3, सिख बिरादर के 4 सदस्य जीते हैं. जिला पंचायत में 5 ठाकुर, एक एसटी महिला, बंजारा समाज ने भी सीट पर जीत दर्ज की है. इस बार 33 सीटों पर महिलाओं ने जीत दर्ज की है. इसमें भी सबसे ज्यादा मुस्लिम महिलाएं हैं.
भाजपा के लिए करो या मरो का प्रश्न
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जिला पंचायत चुनाव को विधानसभा चुनाव का ट्रेलर माना जा रहा है. जिले के आठ विधायक और दो सांसद भी भारतीय जनता पार्टी से ही हैं. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. इसलिए भारतीय जनता पार्टी के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी नाक का सवाल बनी हुई है. पिछली बार भाजपा ने समाजवादी पार्टी के जीते बंशीधर राज से जिला पंचायत की सीट छीनी थी. भाजपा सरकार बनने के बाद भाजपा की सुमन नरेंद्र सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं.
सपा ने घोषित किया उम्मीदवार
सूत्रों की माने तो नरेंद्र सिंह के खासमखास मितौली सीट से जीते ओमप्रकाश भार्गव इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवार होंगे. वहीं, समाजवादी पार्टी ने भी खस्ता के पूर्व समाज समाजवादी विधायक रहे सुनील भार्गव की पुत्र वधू अंजलि भार्गव को जिला पंचायत अध्यक्ष का कैंडिडेट घोषित कर दिया है. समाजवादी खेमे में इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर खासा उत्साह दिख रहा है. सबसे ज्यादा किसी सियासी दल के सदस्य सपा के पास हैं. पार्टी का दावा है कि जीत के लिए कुल 36 सदस्य चाहिए और इसका इंतजाम पार्टी ने कर लिया है. उधर बहुजन समाज पार्टी की तरफ सभी कोई बड़ी हलचल नहीं दिख रही है. बहुजन समाज पार्टी ये जरुर जानती है उसके सदस्यों के समर्थन के बिना कोई भी जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं बना सकता. इस बार निर्दलीय सब पर भारी रहने वाले हैं. क्योंकि सबसे ज्यादा निर्दलीय सदस्य ही जीते हैं.