लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर सेंचुरी के चलतुआ बीट में नहर पटरी के किनारे बाघ का शव मिलने की खबर टाइगर रिजर्व प्रसाशन को लगी. दुधवा टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक मनोज सोनकर, एसडीओ मैलानी, रेंजर समेत पूरा स्टाफ घटनास्थल पर पहुंचा. बाघ का शव एक झाड़ी में पड़ा था. ऐसा लग रहा था कि बाघ बैठा हुआ है. शव दो दिन पुराना लग रहा है. जब गश्ती दल उधर से निकला तो उसे बदबू आई. इस पर बारीकी से देखा गया तो बाघ मरा पड़ा था.
दुधवा टाइगर रिजर्व में एक और बाघ का शव मिला, मचा हड़कंप - दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत
दुधवा टाइगर रिजर्व वेकेशन पर सेंचुरी में एक और बाघ का शव मिलने से हड़कंप मच गया है. टाइगर रिजर्व प्रशासन के अफसरों के मुताबिक बाघ के सभी अंग सुरक्षित हैं, इसलिए उसके शिकार की संभावनाएं कम लग रही हैं. बाघ के गले में सूजन दिख रही है. बाघ की मौत कैसे हुई इसके कारणों को जानने के लिए बाघ के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा.
डीडी मनोज सोनकर ने बताया कि बाघ के गले मे सूजन लग रही. प्रथम दृष्टया बाहरी कोई इंजरी नजर नहीं है. हो सकता है बाघ ने सेही का शिकार किया हो और कांटा उसके गले मे फंस गया हो. मनोज सोनकर ने बताया कि आसपास छानबीन की जा रही. हम शव को आईवीआरआई बरेली पोस्टमार्टम को भेजेंगे. जांच रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
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दुधवा टाइगर रिजर्व और आसपास के बफर जोन और दक्षिण खीरी वन प्रभाग में इस साल करीब आधा दर्जन बाघ और शावकों के शव मिल चुके हैं. बाघों की लगातार हो रही मौत से बाघ संरक्षण पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत से गश्त और अफसरों की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है. हाल ही में दक्षिण खीरी वन प्रभाग में आंवला जंगल से निकले एक बाघ की करन्ट से मौत ने पूरे टाइगर संरक्षण को झटका दिया था. अभी भी इस मामले की जांच चल रही है.