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गांव-गांव में कोरोना से कोहराम, मां-बेटी की मौत के बाद अब पिता की भी मौत - लखीमपुर खीरी ताजा खबर

लखीमपुर खीरी में कोरोना का कहर शहर ही नहीं अब गांवों में भी पसर रहा है. जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लोग मारे-मारे फिर रहे हैं. खीरी थाना इलाके के झंसिया गांव में मां बेटी की मौत के बाद पिता की मौत भी हो गई. वहीं जिले में एक पत्रकार और दो शिक्षकों की मौत सांस लेने में तकलीफ के चलते हो गई.

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Published : Apr 24, 2021, 2:37 AM IST

लखीमपुर खीरी: जिले में कोरोना का कहर शहर ही नहीं अब गांव-गांव में पसर रहा है. हर तरफ से मौतों की खबरें आ रहीं हैं. स्वास्थ्य महकमा खुद वेंटिलेटर पर आ गया है. सरकारी कर्मचारी, टीचर स्वास्थ्यकर्मी भी अब सांस लेने में दिक्कतों के चलते कुछ ही घण्टों में सांस तोड़ दे रहे हैं. अफसरों ने फोन उठाना बन्द कर दिया हैं. आक्सीजन सिलेंडर के लिए अपनों के लिए लोग मारे मारे फिर रहे हैं. खीरी थाना इलाके के झंसिया गांव में मां बेटी की मौत के बाद अब पिता की मौत भी हो गई. इससे गांव मे खौफ है. वहीं जिले में एक पत्रकार और दो शिक्षकों की मौत सांस लेने में तकलीफ के बाद हो गई.

झंसिया गांव में मां बेटी की मौत के बाद पिता की भी मौत

खीरी थाना इलाके के झंसिया गांव में जिन मां बेटी की मौत दो दिन पहले हुई थी. उनके पिता की भी मौत हो गई. शव को लखीमपुर लाते वक्त एम्बुलेंस में ही बेटी सीमा वर्मा ने दम तोड़ दिया था. मौत की वजहें साफ नहीं हो पाई. पर इनको बुखार खांसी आ रही थी. सीमा के पिता राजेश वर्मा की भी शुक्रवार तड़के मौत हो गई. राजेश भी बुखार से पीड़ित थे.

जिले में कोरोना पॉजिटिव की सुनामी

शुक्रवार को आई रिपोर्ट में खीरी जिले के 712 कोरोना पॉजिटिव मरीज जांच में मिले हैं. यह पूरे साल का पीक है. इतने मरीज एक साथ कभी नहीं मिले. जिले में कई अफसर, कर्मचारी स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर भी पॉजिटिव हैं.

पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों की हो रही ताबड़तोड़ मौतें

19 अप्रैल को हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले बेसिक शिक्षकों और कर्मचारियों की भी हालत कोरोना वायरस की वजह से खराब है. भीड़-भाड़ में गए इन शिक्षकों को अब तेजी से कोरोना होने लगा है. खीरी जिले में करीब 12 के आसपास शिक्षक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. आज उच्च प्राथमिक विद्यालय महाराज नगर की प्रधानाध्यापिका सुषमा कनौजिया की भी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि इनको तेज बुखार आ रहा था. चुनाव में ड्यूटी कटवाने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किया था. मोहम्मदी में ड्यूटी कर लौटी थी. तभी से उनकी हालत खराब चल रही थी. आज उन्होंने अंतिम सांस ली. इसके अलावा उच्च प्राथमिक विद्यालय फूलबेहड़ बालक में तैनात प्रधानाध्यापिका रजनी वर्मा का आज सुबह निधन हो गया है. वहीं खीरी थाना इलाके के मूसेपुरखुर्द गांव के रहने वाले शिक्षक शिव सिंह वर्मा की भी चुनाव में मितौली ड्यूटी लगी थी. शिवसिंह वर्मा जिला जेल में शिक्षक थे. परिजनों का कहना है कि बुखार आ रहा था.

अफसरों से ड्यूटी कटाने को कहा गया पर कोई सुनवाई नहीं हुई

शिवसिंह वर्मा घर पर ही थे. गुरुवार शाम को सांस लेने में दिक्कत के चलते मौत हो गई. इसके पहले भी कई शिक्षकों की मौत हो चुकी है.

पत्रकार की मौत

एक समाचार पत्र के पत्रकार रजनीश सिंह की सांस लेने में दिक्कतों के चलते मौत हो गई. रजनीश की वैक्सीन लेने के बाद से स्थिति खराब चल रही थी.

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कोविड अस्पताल ने लगाए बोर्ड ‘अपना सिलेंडर ले कर आए’

जिले में कोरोना की भयावहता इसी से समझी जा सकती है कि जिला प्रसाशन ने जिस प्राइवेट हॉस्पिटल को कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनाया था वो ही खुद बीमार हो गया. शहर के राजापुर में शिखर अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गई है. करीब 16 मरीज भर्ती हैं. इनके परिजन कहीं से अपने संसाधनों से ऑक्सीजन की व्यवस्था करके ला रहे हैं. ज्यादातर की ऑक्सीजन की कमी से सांसे उखड़ने लगी हैं.

फोन पर रोने लगे एसीएमओ

हालातों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता कि कोरोना मरीजों के लिए बेड और ऑक्सीजन के बारे में जब सीएमओ के सीयूजी पर फोन मिलाया गया तो जिले के एसीएमओ डॉक्टर अश्वनी कुमार ने फोन उठाया. पूंछने पर फोन पर डॉक्टर अश्वनी भरे गले से रोने लगते हैं. कहते है भाई साहब हम क्या मदद करें. हमारी भाभी खुद लखनऊ में बेड न मिल पाने से दिवंगत हो गईं. भतीजा बीमार है, भाई बीमार है फिर भी ड्यूटी कर रहे हैं.

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