लखीमपुर खीरी : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर जैसे-जैसे चुनावी पारा गरम हो रहा है, वैसे-वैसे भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में तकरार भी बढ़ रही है. ऐसी ही एक मामला लखीमपुर खीरी जिले में देखने को मिल रहा है. दरअसल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल के यूपी में चुनावी दौरे को लेकर तैयारियां चल रही हैं. इसको लेकर कांग्रेस का आरोप है कि योगी सरकार प्रशासन रैली में अड़ंगा लगा रहा है. प्रशासन हेलीपैड के लिए भी अनुमति देने में आनाकानी कर रहा है. इसके अलावा कांग्रेस का आरोप यह भी है कि रैली का नाम किसान महापंचायत से बदलकर, कार्यकर्ता प्रतिज्ञा रैली करने को प्रशासन कह रहा है.
दरअसल, यूपी चुनाव 2022 को लेकर जिले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की किसान महापंचायत के नाम से रैली की तैयारियां, कांग्रेस कार्यकर्ता कई दिनों से जोर शोर से कर रहे हैं. 22 दिसम्बर को खीरी जिले के नकहा में सीएम भूपेश बघेल की रैली आयोजित है. छत्तीसगढ़ से एक टीम भी आकर इस रैली को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मदद से प्रचार-प्रसार कर बड़े पैमाने पर आयोजित करने में लगे थी. लेकिन छत्तीसगढ़ से आए सीएम भूपेश बघेल की टीम के विनय शील ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों को यह बताया कि प्रशासन उनकी रैली का नाम तक बदलवा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर यूपी सरकार और खीरी के जिला प्रशासन को किसानों से इतना डर क्यों लगता है.
विनय शील ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को यह भी बताया कि जिला प्रशासन उनको यहां तक निर्देश दे रहा है कि उनको रैली में क्या कहना है, क्या करना है. जिला प्रशासन ने यह भी कहा कि उनको गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का नाम नहीं लेना है. किसानों की कोई बात नहीं करनी है. विनय शील ने सवाल उठाया कि आखिर योगी सरकार को किसानों से डर क्यों लगता है. विनय शील ने बताया कि हमारी रैली किसानों को लेकर ही है. हम किसानों के बीच में काफी दिनों से काम कर रहे हैं. हम यूपी के किसानों को यह भी बताएंगे कि छत्तीसगढ़ में छुट्टा जानवरों और आवारा जानवरों से कैसे निजात दिलाने का मॉडल भूपेश बघेल सरकार ने बनाया है. हम किसानों को यह भी बताएंगे कि छत्तीसगढ़ में हम 2500 रुपए कुंतल धान खरीद रहे हैं.
यूपी में कांग्रेस आएगी तो छत्तीसगढ़ मॉडल होगा लागू