लखीमपुर खीरी: जनपद में एक बार फिर जिला अस्पताल प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है. यहां एक गरीब महिला अपनी मां को इलाज के लिए एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लेकर आई थी. जहां डॉक्टरों ने उसकी मां को देखते ही मृत घोषित कर दिया. महिला की मां का शव अस्पताल के गेट पर घंटों पड़ा रहा. अस्पताल प्रशासन उसे शव वाहन तक मुहैया नहीं करा सका. बेबस बेटी घंटों अस्पताल के गेट पर चीखती चिल्लाती रही, लेकिन जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. थक हारकर महिला अपने भाई के साथ मां के शव को ठेले पर लादकर घर ले गई.
जानें पूरा मामला
मंगलवार को शहर के डीसी रोड काशीराम कालोनी निवासी नैमून अचानक काफी बीमार हो गईं. नैमून के बच्चे एम्बुलेंस से जिला अस्पताल इलाज के लिए लेकर आए थे. जहां डॉक्टरों ने उनकी मां को देखते ही मृत घोषित कर दिया. भाई-बहन का आरोप है कि डॉक्टरों ने उनकी मां को कोरोना के खौफ से हाथ तक नहीं लगाया. एंबुलेंस चालक ने उनकी मां के शव को अस्पताल के गेट पर ही जमीन पर उतार दिया. कई घंटों तक उनकी मां का शव जमीन पर पड़ा रहा, जिसको घर भेजने के लिए शव वाहन तक अस्पताल प्रशासन मुहैया नहीं करा सका. महिला काफी देर चीखती चिल्लाती रही, मगर किसी ने उसकी मां के शव को घर भेजने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराया. आखिर में थक हारकर भाई- बहन अपनी मां के शव को ठेले पर लादकर ले गए. मामला जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो अस्पताल प्रशासन सारा ठीकरा 108 एंबुलेंस पर फोड़ने में जुटा है. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरसी अग्रवाल अपनी लापरवाही छुपाते नजर आए.