लखनऊ : लखीमपुर की घटना के नाम पर विपक्षी दलों द्वारा आयोजित कार्यक्रम को कैबिनेट मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने फ्लॉप शो करार दिया है. उन्होंने कहा कि वोट बैंक के लिए समाज को बांटने के अभियान पर निकले विपक्ष को, लखीमपुर के किसानों व वहां की जनता ने मंगलवार को आईना दिखा दिया है. सियासी रुदाली बने इन नेताओं की दाल नहीं गली है. लखीमपुर ही नहीं पूरे प्रदेश की जनता लखीमपुर की घटना पर योगी सरकार के त्वरित निर्णयों से संतुष्ट है.
उन्होंने कहा कि इसकी तस्दीक इसी से हो जाती है कि पचास हजार की भीड़ जुटाने का दावा करने वाले विपक्षी दलों के नेता एक हजार की भीड़ भी नहीं जुटा पाए. यही नहीं, वोट बैंक की आपसी होड़ में किसानों के मुद्दे पर विपक्षी एकता भी तब धराशायी दिखी, जब घड़ियाली आंसू बहाने वाली कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को मंच से बोलने तक का मौका नहीं मिला. किसानों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने की प्रियंका जैसे नेताओं की कोशिशों का स्थानीय जनता ने ऐसा कड़ा जवाब दिया कि उन्हें बोलने तक का मौका नहीं मिला. यह ऐसे अन्य नेताओं के लिए भी सबक है.
सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि पूरे प्रदेश की जनता इस बात को भली भांति जानती है कि समूचा विपक्ष किसानों के नाम पर राजनीतिक ड्रामा कर रहा है. जब चीनी मिलें बंद थीं, गन्ना किसानों का करोड़ों रुपये बाकी थे, औने-पौने दाम पर किसानों की फसल बिचौलिए खरीद लेते थे, तब यह नेता कहां थे. कोरोना काल में जब प्रदेश की जनता जीवन और जीविका के द्वंद्व में थी, तब ये नेता अपने घरों में आराम फरमा रहे थे.