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16 साल का बाप, 24 साल का बेटा और 3-3 पोतियां - लखीमपुर खिरी का परिवार रजिस्टर

लखीमपुर खीरी के परिवार रजिस्टर में दर्ज ब्योरे पर आपको यकीन नहीं होगा. अधिकारियों ने बेटे को बाप से 8 साल पहले ही पैदा करा दिया है. 16 साल की उम्र में परिवार के मुखिया को मृतक बता दिया और तब उसने अपने पीछे बेटा-बहू, पत्नी और तीन-तीन पोतियां वाला भरा-पूरा परिवार छोड़ा. अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं.

लखीमपुर खीरी के परिवार रजिस्टर में दर्ज ब्यौरे पर हर कोई हैरान.
लखीमपुर खीरी के परिवार रजिस्टर में दर्ज ब्यौरे पर हर कोई हैरान.

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Published : Jan 6, 2021, 7:50 PM IST

लखीमपुर खीरी:16 साल का बाप, 24 साल का बेटा, खुद से बड़ी बीवी, 1 बहू तीन पोतियां. यह कहानी है चेतराम की. लखीमपुर खिरी के ईसानगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत बरारी के चेतराम का बेटा उनसे 8 साल बड़ा है. उनकी बीवी भी उनसे 2 साल बड़ी हैं. चेतराम का जन्म एक जनवरी 1995 को और मृत्यु छह जुलाई 2011 को हो गई. यह कोई कहानी नहीं है, सरकारी सच्चाई है. सरकार की फाइलों में यही दर्ज है.

लखीमपुर खीरी के परिवार रजिस्टर में दर्ज ब्यौरे पर हर कोई हैरान.

परिवार रजिस्टर में दर्ज है सरकारी सच्चाई

ग्राम पंचायत अधिकारी ने 24 दिसंबर 2020 को परिवार रजिस्टर की एक नकल जारी की है. इस नकल के मुताबिक, परिवार के मुखिया चेतराम के बेटे का जन्म उनके जन्म से आठ साल पहले हुआ. यह बेटा महज 12 साल की उम्र होते ही एक बेटी का पिता बन गया. यानी चार साल में चेतराम एक पोती के दादा बन गए. फिर दो पोतियों का जन्म और हुआ. इसके बाद 16 साल की उम्र में चेतराम की मौत हो गई. इन 16 सालों में वह एक बेटे का पिता, एक बहू का ससुर और तीन पोतियों का दादा बन गया. भले यह सब पढ़कर आपको यकीन न हो रहा हो, लेकिन यह सरकारी कागज पर दर्ज एक परिवार का ब्योरा है. इस कागज़ को परिवार रजिस्टर कहा जाता है. यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसकी नकल ग्राम पंचायत अधिकारी ने बाकायदा प्रमाणित करके जारी की है. अब अधिकारी इसे स्वीकार करें तो वास्तव में वह चमत्कारी माने जाएंगे. अगर अस्वीकार करें तो सवाल यह कि उनकी मोहर और दस्तखत तक पहुंच किसकी है. अगर मोहर व दस्तखत भी फर्जी घोषित कर दिए जाएं तो इस खास सरकारी कागज की विश्वसनीयता ही कठघरे में है.

डीएम कहते हैं जांच के बाद कराएंगे कार्रवाई.


अब जानिए पूरी कहानी

ईसानगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत बरारी के ग्राम पंचायत अधिकारी ने 24 दिसंबर 2020 को परिवार रजिस्टर की एक नकल जारी की. इस नकल के मुताबिक, परिवार के मुखिया चेतराम का जन्म एक जनवरी 1995 को और उनकी मौत 6 जुलाई 2011 को हुई. इनकी पत्नी जलपत्ता का जन्म एक जनवरी 1993 और मौत 18 अक्टूबर 2013 को हुई. यानी पत्नी उम्र में पति से दो साल बड़ी थी और उसकी मौत भी पति से दो साल बाद हुई. इसी कागज के अनुसार चेतराम के बेटे बवाली का जन्म एक जनवरी 1987 को हुआ. मतलब पिता के जन्म से आठ साल पहले. बवाली और उसकी पत्नी मेनका की तीन बेटियां रूपा, सोनी और रागिनी हैं. इनका जन्म 1999, 2002 और 2006 में हुआ है. इस तरह अपने पीछे एक भरा पूरा परिवार छोड़ कर चेतराम की 16 साल और उनकी पत्नी जलपत्ता की 18 वर्ष में मौत हो गई। अब आप इसे जो समझना चाहें समझें. सरकारी कागज इस बात का प्रमाण है तो सच ही होगा.

पूरे प्रकरण की जांच के आदेश खण्ड विकास अधिकारी को दे दिए गए हैं. उनसे रिपोर्ट मांगी गई है. निश्चित रूप से अभिलेखों में चूक हुई है. जो भी गलती हुई है उसको तत्काल दुरुस्त किया जाएगा. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.
शैलेन्द्र सिंह, डीएम, लखीमपुर खीरी

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