कुशीनगर : तथागत बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में सितंबर से लेकर मार्च तक चलने वाले बौद्ध सर्किट का टूरिस्ट सीजन अब समाप्त हो गया है. अब पर्यटकों के इक्का-दुक्का ग्रुप ही कुशीनगर आ रहा है. इस सीजन में आए टूरिस्टों की संख्या से एक बार फिर कोरोना महामारी के वजह से दो साल से ठप रहे पर्यटन व्यवसाय पटरी पर आने की उम्मीद बढ़ी है. यूपी पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस टूरिस्ट सीजन में 59 हजार, 374 विदेशी सैलानी कुशीनगर आए. इसके अलावा 4 लाख, 96 हजार, 515 भारतीय टूरिस्ट ने भी महापरिनिर्वाण मंदिर में बुद्ध की शयनमुद्रा वाली प्रतिमा का दर्शन किए.
टूरिस्ट सीजन में कुशीनगर आए 5 लाख से ज्यादा पर्यटक, कोरियावालों ने वियतनाम को पीछे छोड़ा - कुशीनगर में विदेशी सैलानी
कोरोना के दो साल बाद भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में रौनक लौट आई है. पर्यटन विभाग के अनुसार, सितंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच कुशीनगर में पांच लाख से अधिक टूरिस्ट आए.
कुशीनगर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा 5वीं सदी की है. बौद्ध सर्किट के टूरिस्ट सीजन में हमेशा से सर्वाधिक भागीदारी थाईलैंड की रही है. पिछले सीजन में वियतनाम और दक्षिण कोरिया के सर्वाधिक टूरिस्ट कुशीनगर आए थे. इस साल तीन फरवरी को दक्षिण कोरिया से 13 सौ पर्यटकों का एक बड़ा दल कुशीनगर आया था. इसके अलावा भारत-दक्षिण कोरिया मैत्री के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दो सौ सदस्यीय कोरियाई राजनयिक कुशीनगर आए, जिससे बुद्ध सर्किट में पर्यटन को गति मिली. इसके बाद वियतनाम के टूरिस्ट महापरिनिर्वाण स्थल पर दर्शन करने पहुंचे. इसके अलावा इंडोनेशिया और ताइवान के पर्यटकों की भागीदारी रही. अपेक्षा के अनुरुप सितंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच जापान और चीन से पर्यटक नहीं आए. थाईलैंड, भूटान, मलेशिया, सिंगापुर से आंशिक रूप से पर्यटक आए.
पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि अगले टूरिस्ट सीजन में कुशीनगर में पर्यटन के जुड़ा कारोबार पूरी तरह से पटरी पर आ जाएगा. कोविड के दौर के पूर्व कुशीनगर आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग एक लाख से ऊपर रही है. कोविड काल में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया था. इसका सर्वाधिक प्रभाव होटल कारोबारियों पर पड़ा. नतीजतन होटल मालिकों ने छंटनी शुरू कर दी, जिससे कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया. 2022-23 के टूरिस्ट सीजन में कुछ बदलाव हुआ तो बौद्ध मॉनेस्ट्री में भी खोई हुई रौनक वापस लौट आई.