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टूरिस्ट सीजन में कुशीनगर आए 5 लाख से ज्यादा पर्यटक, कोरियावालों ने वियतनाम को पीछे छोड़ा - कुशीनगर में विदेशी सैलानी

कोरोना के दो साल बाद भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में रौनक लौट आई है. पर्यटन विभाग के अनुसार, सितंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच कुशीनगर में पांच लाख से अधिक टूरिस्ट आए.

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Published : Apr 11, 2023, 2:06 PM IST

कुशीनगर : तथागत बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में सितंबर से लेकर मार्च तक चलने वाले बौद्ध सर्किट का टूरिस्ट सीजन अब समाप्त हो गया है. अब पर्यटकों के इक्का-दुक्का ग्रुप ही कुशीनगर आ रहा है. इस सीजन में आए टूरिस्टों की संख्या से एक बार फिर कोरोना महामारी के वजह से दो साल से ठप रहे पर्यटन व्यवसाय पटरी पर आने की उम्मीद बढ़ी है. यूपी पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस टूरिस्ट सीजन में 59 हजार, 374 विदेशी सैलानी कुशीनगर आए. इसके अलावा 4 लाख, 96 हजार, 515 भारतीय टूरिस्ट ने भी महापरिनिर्वाण मंदिर में बुद्ध की शयनमुद्रा वाली प्रतिमा का दर्शन किए.

मार्च खत्म होते ही कुशीनगर में टूरिस्ट सीजन समाप्त हो गया है. पिछले सात महीनों में रेकॉर्ड टूरिस्ट कुशीनगर आए.

कुशीनगर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा 5वीं सदी की है. बौद्ध सर्किट के टूरिस्ट सीजन में हमेशा से सर्वाधिक भागीदारी थाईलैंड की रही है. पिछले सीजन में वियतनाम और दक्षिण कोरिया के सर्वाधिक टूरिस्ट कुशीनगर आए थे. इस साल तीन फरवरी को दक्षिण कोरिया से 13 सौ पर्यटकों का एक बड़ा दल कुशीनगर आया था. इसके अलावा भारत-दक्षिण कोरिया मैत्री के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दो सौ सदस्यीय कोरियाई राजनयिक कुशीनगर आए, जिससे बुद्ध सर्किट में पर्यटन को गति मिली. इसके बाद वियतनाम के टूरिस्ट महापरिनिर्वाण स्थल पर दर्शन करने पहुंचे. इसके अलावा इंडोनेशिया और ताइवान के पर्यटकों की भागीदारी रही. अपेक्षा के अनुरुप सितंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच जापान और चीन से पर्यटक नहीं आए. थाईलैंड, भूटान, मलेशिया, सिंगापुर से आंशिक रूप से पर्यटक आए.

पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि अगले टूरिस्ट सीजन में कुशीनगर में पर्यटन के जुड़ा कारोबार पूरी तरह से पटरी पर आ जाएगा. कोविड के दौर के पूर्व कुशीनगर आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग एक लाख से ऊपर रही है. कोविड काल में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया था. इसका सर्वाधिक प्रभाव होटल कारोबारियों पर पड़ा. नतीजतन होटल मालिकों ने छंटनी शुरू कर दी, जिससे कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया. 2022-23 के टूरिस्ट सीजन में कुछ बदलाव हुआ तो बौद्ध मॉनेस्ट्री में भी खोई हुई रौनक वापस लौट आई.

4 लाख, 96 हजार, 515 भारतीय टूरिस्ट भी भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण मंदिर पहुंचे.
कोरोना काल के दो वर्ष बाद विदेशी सैलानियों और भारतीय पर्यटकों के कुशीनगर आने से स्ट्रीट फूड, आर्ट एंड क्राॅफ्ट, पुष्प माला, गाइड, लाउंड्री, रेस्टोरेंट आदि से जुड़े लोगों के चेहरों पर मुस्कान साफ तौर पर दिख रही है. बौद्ध भिक्षु अशोक का कहना है कि थाईलैंड, चीन व जापान से पर्यटकों का नहीं आना बौद्ध सर्किट के पर्यटन के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने बताया कि कई देशों में अभी भी कोविड प्रोटोकाॅल को लेकर सख्ती बरती जा रही है. जिन देशों ने ढील दी है, वहां के पर्यटक आए. अगले साल से स्थिति इससे बेहतर होगी.पढ़ें : कुशीनगर से कन्नी नहीं काट पाएंगे बौद्ध पर्यटक, रेलवे ट्रैक बनाने के लिए बजट मंजूर

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