कुशीनगर : पूर्व में योगी सरकार में कद्दावर मंत्री की भूमिका में रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव और उसके चार अन्य साथियों की हुई गिरफ्तारी के बाद मामले से जुड़े अन्य लोगों की कुंडली खंगालने का काम शुरु हो गया है. कहा जाता है कि एसटीएफ के साथ अब खुफिया विभाग ने भी गिरफ्तार लोगों के इतिहास का पता लगाना शुरू कर दिया है.
दरअसल, तीन दिन पूर्व प्रदेश मुख्यालय की एसटीएफ इकाई द्वारा लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे एक फर्जीवाड़े का खुलासा किया. इस संबंध में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई. इनमें मुख्य सरगना के तौर पर पूर्व में यूपी सरकार में श्रम मंत्री और जिले की पडरौना सीट से विधायक रहे स्वामी प्रसाद मौर्या के निजी सचिव अरमान खान का नाम भी सामने आया. उसका साथी अमित राव सहित गिरोह से जुड़े तीन अन्य युवकों को भी गंभीर साक्ष्यों के साथ दबोचा गया. इन सभी पर जरुरतमंदों को झांसे में लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर भारी भरकम रकम वसूलने का आरोप है.