कुशीनगर: शिक्षा की विसंगतियों पर विद्वानों के बीच हुई चर्चा - उत्तर प्रदेश समाचार
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में शिक्षा के गिरते स्तर और शिक्षकों की भूमिका को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और विद्वान उपस्थित हुए.
शिक्षा के गिरते स्तर पर चर्चा.
कुशीनगरः जिले के तमकुहीराज कस्बे में वर्तमान समय में शिक्षा की विसंगतियों को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ. दिनकर विचार मंच की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए विद्वत लोगों ने शिक्षा के पतन और उत्थान के विषय पर अपने विचार रखे. इस दौरान शिक्षक और शिक्षार्थी की वर्तमान भूमिका को लेकर विचारों को भी साझा किया गया.
कस्बे के रामलीला मैदान में आयोजित इस संगोष्ठी में कोलकाता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की प्रोफेसर राजश्री शुक्ला ने ईटीवी भारत के एक प्रश्न के जवाब में संस्कृत के श्लोक के साथ अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जैसा मन सोचता है वैसा वाणी कहने लगती है, जैसा वाणी कहती है वैसा कर्म होने लगता है, और जैसा कर्म होता है वैसा ही जीवन बनने लगता है. उन्होंने व्यवस्था में सुधार के लिए सभी को मिलजुलकर कदम बढ़ाने की बात कही.
जहां शिक्षक अच्छे मन से कार्य कर रहे, वहां परिणाम अच्छे
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति के अध्यक्ष बाल मुकुन्द से ईटीवी भारत ने शिक्षा के गिरते स्तर पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि जहां शिक्षक अच्छे मन से कार्य कर रहे हैं वहां परिणाम भी अच्छा दिख रहा है. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिना किसी परीक्षण के अध्यापकों का प्रमोशन हो रहा है. इसमें सुधार के लिए शिक्षक, शिक्षार्थी और अभिभावकों के समझदारी दिखानी होगी.