कुशीनगरः जिले के खड्डा तहसील के ग्राम सभा बैरागीपट्टी में अंजुडी बसावट योजना से करीब 2 किलोमीटर की सड़क बननी थी. जिसका लोकार्पण एक साल पहले ही 1 मार्च 2020 को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने किया था. लेकिन निर्माण की राह देख रही कच्ची सड़क के किनारे विभाग ने लोकार्पण का बोर्ड लगा दिया.
शिलापट्ट और आंकड़ों में बने सड़क की हकीकत
खड्डा तहसील के बैरागीपट्टी में अंजुड़ी बसावट योजना के तहत डोमन छपरा गांव को जोड़ने वाली 17 सौ मीटर लंबी सड़क जिसकी लागत एक करोड़ 24 लाख 78 हजार रुपये निर्धारित है. जो लोकनिर्माण विभाग को बनानी थी. एक साल पूर्व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कुशीनगर दौरे में इस सड़क का लोकार्पण करा दिया गया. इसके बजट को विकास के आंकड़ों में सम्मिलित कर लिया गया. जिसकी घोषणा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने बीते 11 मार्च को किया. जिसमें कुशीनगर लोक निर्माण विभाग से केवल 1479 करोड़ 21 लाख की परियोजना लोगों को समर्पित की गयी है. लेकिन बैरागीपट्टी की उक्त सड़क की हकीकत ये है कि आज भी पूरी सड़क कच्ची ही पड़ी हुई है. विभाग ने एक रुपये का भी काम नहीं कराया. लेकिन सड़क के शीर्ष पर लोकार्पण का बोर्ड लगा दिया है.सड़क बनने और टूटने दावे से लोगों के मन में सवाल
डिप्टी सीएम के दावे से लोगों के मन मे सवाल
सड़क बनने की आस में ग्रामीण 1 साल से बैठे हुये हैं, लेकिन 1 महीने पूर्व विभाग ने सड़क के लोकार्पण का जब बोर्ड लगा दिया, तो लोग ये देखकर आश्चर्यचकित रह गये. जब 11 तारीख को डिप्टी सीएम ने मंच से पूर्व के सरकारों की व्यवस्था की पोल खोलते हुए कहा था कि उनकी सरकार में कागजों में सड़क बनती और टूट जाती थी, हम ऐसा नहीं करते. लेकिन लोगों के मन में सवाल उठने लगे क्योंकि इनके इलाके की ये सड़क बनी ही नहीं और मंत्री से लोकार्पण करा बोर्ड लगा दिया गया.
लोकार्पण होने से सड़क निर्माण की राह देखते हैं ग्रामीण
गांव के अर्जुन कुशवाहा बताते हैं कि बरसात में ये रोड बिल्कुल चलने लायक नहीं होता, जिससे बहुत दिक्कत होती है. उन लोगों का कहना है कि उन्हें लगा कि अब सड़क बन जायेगी. लेकिन बनाने की जगह विभाग ने केवल बोर्ड लगा दिया. गांव की बुजुर्ग महिला गुलाइची देवी बताती हैं कि साल भर पहले से सुनने में आ रहा है कि सड़क बनने वाली है. लेकिन अबतक नहीं बनी. कच्ची सड़क होने से कीचड़ और पानी में आना जाना पड़ता है. बुजुर्गों को काफी दिक्कत होती है. लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.
नेताओं के दबाव में विभाग ने लगाया बोर्ड
इस पूरे मामले पर लोक निर्माण विभाग कुशीनगर के वरिष्ठ सहायक से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नेताओं के दबाव में विभाग ने मजबूरी बस शिलापट्ट लगवा दिया. अभी सीसीएल ही नहीं आया, जिसकी वजह से ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं हैं. पैसे के अभाव में काम रुका हुआ है.