कुशीनगर:नवरात्रि में कुशीनगर पुलिस की लापरवाही के कारण दो समुदाय आमने-सामने आ गए. कुबेरस्थान थानाक्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव में कलश यात्रा पर दूसरे समुदाय से जुड़े लोगों पर ईंट पत्थर चलाने का आरोप लगाया है. बवाल की सूचना मिलते ही कुबेरस्थन, पडरौना और विशुनपुरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मोर्चा संभाला. इसके बाद मामला शांत हुआ. बाद में एडिशनल एसपी ने मामले का जायजा लिया और कुछ लोगों को पुलिस हिरासत में लेकर थाने ले गई.
कलश यात्रा पर पथराव का आरोप: जानकारी के मुताबिक, लक्ष्मीपुर गांव की नवदुर्गा पूजा सेवा समिति नवरात्रि के पहले दिन कलश यात्रा निकाल रही थी. कई गांव में भ्रमण के दौरान दूसरे समुदाय के लोगों ने यात्रा पर पत्थरबाजी कर दी. इसमें एक 6 साल का बच्चा पीयूष घायल हो गया. घायल पीयूष की मां ने बताया कि वो पूजा करने मंदिर गई थी. उसी दौरान उनका बेटा गांव के लोगों के साथ यात्रा में चला गया. जैसे ही यात्रा मुस्लिम आबादी में घुसी, तभी ऊपर से कुछ लोगों ने पथराव कर दिया. इसमें पीयूष घायल हो गया. कोई भी पुलिस या जिम्मेदार कलश यात्रा में नहीं था.
मस्जिद के सामने लगाए धार्मिक नारे: वहीं, दूसरी समुदाय की मदीना खातून ने बताया कि ईंट-पत्थर चलने की बात गलत है. आज से पहले कभी भी कोई यात्रा मस्जिद के इधर नहीं आई है. सिर्फ विवाद कराने के लिए तीन लोग इस रास्ते पर यात्रा लेकर आए. इसमें मस्जिद के सामने युवकों ने जय श्री राम के नारे लगाए. इसका हमारे समुदाय के कुछ लड़कों ने नाराज होते हुए विरोध किया. दोनों तरफ से बहस हुई, तभी लड़का गिर गया. अगर ईंट पत्थर चलता तो और लोग भी घायल होते.
कब्रिस्तान की जमीन पर चौकी बनने का विरोध: वहीं, लक्ष्मीपुर गांव के प्रधान विनोद गोड़ का कहना है कि वह यात्रा में शामिल नहीं थे. वे गांव में ही एक चौराहे के पास थे. इसी दौरान कुछ लड़के गाड़ी से गांव की महिलाओं को कलश यात्रा में शामिल होने के लिए बुलाने आए थे. तभी खबर आई की जो यात्रा निकाली जा रही है, उस पर दूसरे समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया है. इसमें दो लड़के घायल हो गए हैं. एक को हल्की चोट आई है और वहीं, दूसरे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि, गांव में कोई पुलिस चौकी नहीं है. इसके लिए रविवार को कब्रिस्तान के बगल में सरकारी जमीन की पैमाइश कराई गई. इसपर पुलिस चौकी बननी है. लेकिन, मुस्लिम समुदाय को आपत्ति थी. इसी कारण मुस्लिम समुदाय के लोग उनके पास आए थे कि कब्रिस्तान की जमीन पर चौकी न बनाई जाए. इसपर ग्राम प्रधान ने सीओ से बातकर बीच का रास्ता निकालने की बात कही.