उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कुशीनगर: एक गांव ऐसा जहां शाम ढलते ही लोगों की जाने लगती है रोशनी, आखिर क्या है वजह?

कुशीनगर में एक गांव ऐसा है जहां शाम होते ही लोगों की आंखों की रोशनी जाने लगती है. इस बीमारी के कारण लोग शाम होने से पहले ही घर वापसी करने लगते हैं. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि बुधवार को डॉक्टरों की टीम भेजकर विस्तार से जांच कराई जाएगी.

कुशीनगर
कुशीनगर

By

Published : Apr 13, 2022, 10:59 AM IST

Updated : Apr 13, 2022, 1:06 PM IST

कुशीनगर:अगर किसी को दिखाई न दे और हाथ-पैर से दिव्यांग हो तो सोचिए उसको जिंदगी में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसा ही हाल कुशीनगर के विकासखंड सुकरौली का मठ सूरज गिरी गांव के लोगों का है. यहां कई लोगों को शाम होते ही दिखाई देना बंद हो जाता है. इस कारण वे काम छोड़कर अंधेरा होने से पहले ही घर वापसी करने लगते हैं. यहां 100 घरों में से 50 लोग दिव्यांग हैं.

सुकरौली ब्लॉक के मठ सूरज गिरी में मुन्नी देवी के पांच सदस्यीय परिवार में मां-बेटी छोड़ परिवार में तीनों बेटों को एक ऐसी बीमारी है जिसमें सूर्य के उजाले के साथ दुनिया देखते हैं और सूर्यास्त होते ही उनकी आंखों की रोशनी जाने लगती हैं. तीनों भाइयों के पिता की जॉइंडिश बीमारी के कारण आठ वर्ष पहले मौत हो गई थी. उसके बाद तीन बेटों और एक बेटी की जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई. महिला मजदूरी और घर में भैसों को पाल किसी तरह गुजर-बसर कर रही है.

सूरज गिरी गांव के लोगों से बातचीत

मुन्नी देवी बताती हैं कि पति के जिंदा रहते ही बड़ा बेटा खुशहाल जब 8 साल का हुआ तो उसकी रात में न दिखने की बीमारी हो गई. उन्होंने पहले रतौंधी समझकर अस्पताल लेकर गए, लेकिन किसी को उसकी बीमारी समझ नहीं आई. तभी दूसरे बेटे अमर को भी वही दिक्कत हो गई. बेटी रंजना तो अभी ठीक है, लेकिन सबसे छोटे बेटे अमित को भी वहीं बीमारी हो गई. तीनों बच्चों की हालत ऐसी हो गई है कि जैसे ही शाम होती है उनको दिखना बंद हो जाता है. मुन्नी देवी ने बताया कि न घर है और न खेत. मजदूरी करके तिरपाल के नीचे बच्चों को लेकर गुजर-बसर कर रही हैं. उन्होंने कहा की उनकी इस समस्या को अधिकारी भी नहीं सुनते और वे दुतकार देते हैं. उनको चिंता है कि उनकी मौत के बाद बच्चों का क्या होगा.

तीनों भाइयों में सबसे छोटे अमित (13) ने बताया कि बचपन में वह औरों की तरह देख लेता था, लेकिन जब वह दूसरी कक्षा में था तो उसे कम दिखाई देने लगा. इस कारण पढ़ाई छूट गई, क्योंकि अक्षर साफ नहीं दिखता था. उसने बताया कि लड़के उसे अंधा कहते हैं. यह सुनकर बुरा लगता है. अमित चाहता है कि कभी बड़ा न होऊ, क्योंकि मेरी आंखें बच जाएंगी. अमर (19) कहता है कि उसे दिन में भी ठीक से नहीं दिखाई देता और रात को तो बिल्कुल नहीं. उसने कहा कि जब उम्र कमाने की हुई तो ये समस्या हो गई. फिर भी वह भठ्ठे पर जाता है और जबतक दिन रहता है वह काम करता है. तीनों में सबसे बड़ा भाई खुशिहाल (21) कहता है कि हम कहीं काम करने जाते तो जैसे ही शाम होती है घर वापस आना पड़ता है. इस कारण मालिक नाराज हो जाता है. उसने बताया कि घर भी ठीक नहीं है. इस कारण किसी और के घर रहकर गुजर करना पड़ता है. उसने बताया कि बरसात में पूरा घर पानी में डूब जाता है.

गांव में ऐसे और भी लोग हैं जो विकलांगता के शिकार हैं. रामअश्रे (70) जो पहले ठीक थे, लेकिन अब आंखे खराब हो गई हैं. भवन (25) पुत्र पलकधारी की बचपन से ही दोनों आंखे नहीं हैं. रामभवन (45) की भी आंख खराब है. गांव के ही श्री की दो बेटियों की एक-एक आंख खराब है. उनकी मां मुराति देवी बताती हैं कि उनकी बड़ी बेटी पूजा जब बड़ी हुई तो उसकी एक आंख की पुतली अपने आप बाहर आ गई. मुराति देवी ने बताया कि उन्होंने बाद में पत्थर की आंख लगवाई. अब उसकी एक ही आंख काम करती है. दूसरी बेटी की एक आंख जन्म से ही खराब है.

पलकधारी की बेटी कैलाशी (35), रामभवन चौहान का 8 साल का बेटा, विनोद शुक्ला का 15 वर्षीय लड़का और महात्मा चौहान का 10 वर्षीय नाती इन सबको बोलने में दिक्कत है. कान की समस्या से जूझ रहे लोगों की बात करें तो शिवकुमारी (65) कान की मशीन लगाकर सुन पाती हैं. कविता (12) पुत्री सुरेश ऊंचा सुनती है. गांव में आठ से दस लोग इस बीमारी से परेशान हैं. हरिओम (18) दुर्गेश, मनोज (35) दिव्यांग हैं.

यह भी पढ़ें:रामनवमी पर यूपी में तू तू मैं भी नहीं हुई: योगी आदित्यनाथ

इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस एसके वर्मा के साथ कई अन्य चिकित्सकों से बात की गई तो उन्होंने पहले एक परिवार की समस्या को जान वंशानुगत होना बताया. लेकिन जब कई घरों में ऐसी परेशानियां बढ़ीं तो उन्होंने अंदेशा जताया कि उस इलाके में कुपोषणक्ता का प्रभाव हो सकता है. इसका पता विस्तृत जांच से ही पता चल पाएगा. वहीं, हाटा विधानसभा से भाजपा विधायक मोहन वर्मा ने सहयोग का आश्वासन दिया है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेश पटरियां ने कहा कि मामला मंगलवार को सज्ञान में आया है. आज डॉक्टरों की टीम भेजकर विस्तार से जांच कराई जाएगी. रिपोर्ट आने पर इस समस्या का पता चलेगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Apr 13, 2022, 1:06 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details