कुशीनगर: जिले के मुख्यालय स्थित पडरौना खण्ड विकास क्षेत्र का नाहर छपरा गांव काफी बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है. ईटीवी भारत ने जब इस गांव के विकास कार्यों का जायजा लिया तो सरकारी दावों की पोल खुल गई. पिछड़ी जाति से जुड़े लोगों से जब मुख्यतः आवास और शौचालय के बारे में जानकारी ली गई, तो लोगों ने बताया कि आवास और शौचालय के वितरण में धांधली की जा रही है.
आवास और शौचालय की समस्या से जूझता नाहर छपरा गांव. काफी बड़े क्षेत्रफल में फैले पडरौना खण्ड विकास क्षेत्र का नाहर छपरा गांव में कुल 32 टोले हैं. गांव के अलग-अलग टोलों में अलग-अलग जाति से जुड़े लोग अपनी गृहस्थी बनाए हुए हैं. गांव में पिछड़ी जाति से जुड़े लोगों के वंशी भगत टोले पर ईटीवी भारत ने पूछताछ की, तो इस दौरान समस्या सुनाने वालों की भीड़ लग गयी. काफी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने आवास और शौचालय नहीं होने का अपना बयान दर्ज कराया. गांव के खासकर हमारे टोले पर आज भी लोगों को आवास और शौचालय जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ग्राम प्रधान हमारा सुन भी नही रहे हैं.
- हरिलाल कुशवाहा, ग्रामीण
शौचालय बना वो भी आधा अधूरा, आवास के लिए सूची में नाम है लेकिन बन नही पा रहा है, दौड़ते दौड़ते थक गए हैं हमलोग
- शकुंतला कुशवाहा, ग्रामीण महिला
आवास नहीं मिलने से हमलोग मजबूरी में जीवन काट रहे हैं, परेशानी बढ़ती जा रही है.
- शान्ति देवी, ग्रामीण महिला
शौचालय मेरा बनवाया गया लेकिन जिस दिन अधिकारी देखने आए उनके सामने ही अपने आप गिर गया, सब लोग वहीं थे लेकिन उसको फिर से बनवाने की पहल किसी ने नहीं की.
- अवधेश कुशवाहा, ग्रामीण