कुशीनगर: जिले के विशुनपुरा थाना क्षेत्र के दुदही निवासी एक परिवार ने दहेज लोभी समाज को आइना दिखाया है. दुल्हन की मां को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का पता चलने के बाद पिता ने लड़के वालों से बेटी की तय शादी न कर पाने की बात कही. इसके बाद वर पक्ष ने नए रिश्तेदार के परिवार पर आए संकट में हर तरह से साथ देने का वादा किया और बीती 5 अगस्त को तय तारीख से पहले बिना दहेज और साधारण तरीके से मंदिर में विवाह किया. लड़के वालों की इस पहल की हर कोई प्रसंशा कर रहा है. वहीं, लड़की के पिता और परिवार ऐसे रिश्तेदार पाकर काफी खुश हैं.
अक्सर दहेज के लिए बेटियों के दरवाजे से बारात लौटने समाज में विशुनपुरा थाना क्षेत्र के दुदही गोला बाजार का एक परिवार मिसाल बन गया है. दुदही के रहने वाले नरेंद्र जायसवाल ने अपने छोटे बेटे दीपक जायसवाल का विवाह देवरिया के राघव नगर निवासी सुशील जायसवाल की बेटी स्वाति साथ तय किया था. दोनों परिवार ने बीते मार्च में बड़े धूमधाम से दोनों की सगाई की थी. 8 दिसम्बर को दोनों के विवाह का शुभ मुहूर्त तय किया गया. लेकिन, नियति को कुछ और ही मंजूर था.
ये भी पढ़ें-हाईस्कूल और इंटर के छात्रों को रोजगार के लिए ऐसे तैयार करेगी योगी सरकार, ये है योजना
10 दिन पहले लड़की की मां इंदु देवी के सीने में तेज दर्द हुआ. उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जांच में कैंसर बीमारी की डॉक्टरों ने पुष्टि की. छोटी सी पारचून की दुकान चलाने और बच्चों को पढ़ाकर घर का खर्च चलाने वाले लड़की के पिता को झंकझोर कर रख दिया. पत्नी की बीमारी का इलाज दिसंबर में बेटी के विवाह में बांधा बन गया. मजबूर बेटी का बाप सुशील जायसवाल एक दिन लड़के के घर दुदही पहुंचा. सुशील ने लड़कों वालों से पत्नी के इलाज के कारण वादे का उपहार तो दूर अपनी बेटी की शादी का खर्च भी उठा पाने में असमर्थता जाहिर की.