कुशीनगर :जिले में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दीं हैं. बारिश के कारण जिले की सीमा से होकर जाने वाली नारायणी नदी का जलस्तर बढ़ गया है. वहीं वाल्मीकि नगर बैराज से 4 लाख क्यूसेक से अधिक पानी नारायणी नदी में छोड़ा गया है. जिसके कारण कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र में कई गांव बाढ़ की चपेट में गए हैं. बाढ़ का पानी घरों में भर जाने से स्थानीय लोग पलायन कर रहे हैं.
हालांकि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए जिला प्रशासन की तरफ से शरणालय बनाए बनाए गए हैं. शरणालयों में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. बाढ़ प्रभावित गांव शिवपुर की रहने वाली महिला लीलावती ने बताया कि शरणालय में खाने-पीने की व्यवस्था है, शौचालय भी मिला है. लीलावती का कहना है कि सरकार नारायणी नदी पर बांध बनवा दे तो उन्हें शरणालय में रहने की आवश्यकता नहीं होगी और उनका परिवार खुशहाल रहेगा. शरणालय कैंप में रह रही महिला चयिति ने बताया कि उन्हें कैंप में खाना तो मिल रहा है. लेकिन उनके घर में जलभराव के कारण अनाज सड़ रहा है.
चयिति का कहना है कि वह बाढ़ खत्म होने का इंतजार कर रहीं हैं, जल्दी ही बाढ़ खत्म हो जाए तो वह अपने घर वापस लौटे. एसडीएम अरविंद कुमार ने बताया कि 4 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है, जिसके कारण बाढ़ की स्थिति बन गई है. बढ़े जलस्तर के कारण खड्डा तहसील के 7 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बैराज से पानी डिस्चार्ज होने के बाद उसे गांव तक पहुंचने में 4 से 5 घंटे का समय लगता है. जलस्तर बढ़ने की जानकारी लोगों को दी गई है. इसके लिए अलर्ट जारी किया गया है. बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों से लोगों को विस्थापित किया जा रहा है.