कुशीनगर: 6 नवंबर यानी आज से कुशीनगर महोत्सव का आगाज हिरण्यावती नदी पर आरती व पूजन से शुरू होगा. कुशीनगर स्थित इस नदी का महत्व बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए बहुत ही खास है. इसी नदी के तट पर भगवान बुद्ध की अस्थियां विसर्जित की गई थी. यहां के धार्मिक महत्व को देखते हुए बौद्ध धर्म गुरुओं की अगुवाई में धार्मिक प्रार्थना एवं नदी का पूजन-अर्चन किया जाएगा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा.
दूसरे दिन 7 नवंबर को सेवरही नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित शिवा घाट की महत्ता को देखते हुए नदी के तट पर भगवान शिव की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी. तत्पपश्चात नदी पूजन एवं भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा. क्योंकि वहीं वह स्थान है जिसके बाद बांसी नदी नारायणी नदी में मिल जाती हैं. स्थानीय स्तर पर इस स्थान का पौराणिक और धार्मिक महत्व भी है. इसी दिन तुर्कपट्टी से शिवाघाट तक हुए पुरुष साइकिल रेस का पुरस्कार वितरण किया जाएगा.
बांसी धाम, यह वह स्थान है. जहां पर प्रभु श्री राम विवाह उपरांत जनकपुर से लौटते समय अपने पूरे बारातियों के साथ एक रात्रि के लिए ध्यान विश्राम किया था. पौराणिक मान्यता है कि यहां पर स्नान करने से काशी के स्नान के बराबर पुण्य मिलता है. इसीलिए लोकोक्ति है कि 100 काशी एक बांसी, इस स्थान के महत्व को देखते हुए 8 नवंबर को कुशीनगर महोत्सव के क्रम में प्रभु श्री राम एवं मां जानकी की मूर्ति की स्थापना के साथ बांसी नदी पूजन और भजन संध्या से होगा. नदी का पूजन और आरती बनारस के गंगा घाट पर आरती करने वाले खास पुरोहितों के द्वारा किया जाएगा एवं इस अवसर पर मशहूर गायिका तृप्ति शाक्या के साथ विंध्यवासनी धाम श्रिंगरिया विश्व मोहन मिश्र जी के साथ कथा वाचक विनी किशोरी जी का कथा वाचन भी प्रस्तावित हैं.
बरवा राजापाकड कुशीनगर जनपद के फाजिलनगर विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाला यह गांव आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल पेश करता है. लगभग 20,000 की आबादी वाला यह गांव स्थानीय लोगों के परिश्रम की कहानी बयां कर रहा है. जहां पर मंदिर निर्माण से लगायत स्थानीय तालाब का सुन्दरीकरण बिना किसी सरकारी संसाधन के स्थानीय लोगों ने अपने श्रम से किया है. इसलिए महोत्सव के चौथे दिन पूरे प्रदेश और जनपद को संदेश देने के लिए इस गांव में तैराकी प्रतियोगिता के साथ ही धार्मिक आयोजन को महत्व दिया गया है. जिसके तहत राधा कृष्ण की रासलीला और फूलों की होली का भी आयोजन किया जाएगा.
कुबेरस्थान धार्मिक दृष्टिकोण से कुशीनगर जनपद में पड़ने वाला स्थान अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. इस स्थल की मान्यता है कि रावण के आतंक से बचने के लिए भगवान कुबेर ने इस स्थान पर भगवान शिव की आराधना की थी और इसी महत्व को देखते हुए यहां पर 9 से 10 नवंबर तक राज्यस्तरीय महिला वॉलीबॉल प्रतियोगिता के साथ 10 नवंबर की शाम शिव जागरण का भी कार्यक्रम रखा गया है.
महोत्सव के छठे दिन प्रवासियों का इलाका लतावा मुरलीधर को महत्व दिया गया है. जिससे ग्रामीण अंचल में भी प्रदेश के आत्मनिर्भर भारत की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाया जा सके. क्योंकि इस स्थल से कुछ ही किलोमीटर पर हमें थावे भवानी का प्रसिद्ध स्थल भी है जो गोपालगंज जिले में पड़ता है.
महोत्सव के सातवें दिन कुशीनगर जनपद के तमकुही राज विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाले दनियाडी में होगा. यह दियर का इलाका कहलाता है जो विकास और सामान्य संसाधनों से बहुत दूर है. यहां प्रसिद्ध भजन गायक भरत शर्मा व्यास, संजोली पांडेय के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, फिल्म अभिनेता व गायक मनोज तिवारी मृदुल व सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय मौजूद रहेंगे.