कुशीनगर:प्रदेश के 821 विकास खण्डों में अवस्थित कुल 58414 ग्रामसभाओं को 15521 क्लस्टर में बांट कर उनमें सचिवों को तैनाती दिए जाने के शासन द्वारा जारी आदेश का जिले में खुलमखुल्ला उल्लघंन करने का आरोप लगा है. सूचना के मुताबिक जिम्मेदारों ने अपने हिसाब से सचिवों को क्लस्टर आवंटित किया है. इसको लेकर विभाग में अब आवाज उठने लगी है. सबसे खास बात यह है कि क्लस्टर आवंटन का प्रपोजल बनाने के लिए जिम्मेदार डीपीआरओ को इस पूरे प्रक्रिया से दूर रखा गया है.
मिली जानकारी के अनुसार शासन ने सूबे के कुल 58414 ग्रामपंचायतों को 12500 की आबादी के हिसाब से 15521 क्लस्टर में बांट कर उसमे सचिवों की तैनाती करने का निर्देश जारी किया था. शासनादेश में यह स्पष्ट है कि सचिवों को क्लस्टर आवंटन के समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि, एक से अधिक अतिरिक्त क्लस्टर देने की जरूरत पड़ने पर जो भी अतिरिक्त क्लस्टर दिया जाए वह मूल क्लस्टर से सटा हुआ ही होना चाहिए. लेकिन जिले में ऐसा होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है. जिले के अंदर हुए फेरबदल में जो तस्वीर सामने आयी है. उसमें जारी शासनादेश का खुला उल्लंघन होता दिख रहा है.
विभागीय सूत्रों की माने, तो शासनादेश को नजरअंदाज करके जिम्मेदारों ने मनमर्जी के मुताबिक क्लस्टर आवंटन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. इस कारण अब विभाग के सम्बन्धित लोग ही अपनी आवाज को तेज करने में लगे हैं. नियमों के मुताबिक क्लस्टर आवंटन का प्रपोजल जिला पंचायत राज अधिकारी को बनाकर उसका सीडीओ और जिलाधिकारी से अनुमोदन कराना था. लेकिन पूर्व में हुए एक घटनाक्रम में निवर्तमान डीपीआरओ के कार्यकाल में धनउगाही की शिकायत पर सीडीओ अनुज मलिक ने पूरे प्रकिया को अपने कस्टडी में ले लिया है और तत्कालीन डीडीओ से प्रपोजल बनवाकर स्थानांतरण की प्रक्रिया को पूरा कराया गया है. बताया जाता है कि उसमें सिर्फ स्थानांतरण आदेश पर डीपीआरओ का हस्ताक्षर किया गया था और तभी से यही प्रक्रिया प्रचलन में बनी हुई है.
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विभागीय चर्चा की माने तो इस बार सीडीओ अनुज मलिक के मातृत्व अवकाश पर होने की दशा में एक विभागीय स्टेनो और शासन द्वारा इस जनपद से स्थानांतरित किए जा चुके परियोजना निदेशक (अभी बने हुए हैं) ने इस कलस्टर आवंटन में अहम भूमिका निभाई और आपाधापी के बीच क्लस्टर आवंटन कर जिलाधिकारी से उसका अनुमोदन भी करा लिया और बाद में नवीन परम्परा अनुसार डीपीआरओ से सिर्फ स्थानांतरण आदेश पर हस्ताक्षर कराकर क्लस्टर आवंटन की सूची जारी कर दिया गया.
क्लस्टर आवंटन की सूची जारी होने के बाद से ही विभाग में घमासान मचा हुआ है. विभागीय जानकार बताते है कि, शासन की मंशा के मुताबिक इस बार भी 30 जून तक एक पटल पर तीन वर्ष पूरा कर चुके ग्राम पंचायत सचिवों को स्थानांतरित करना था. लेकिन इस बार तीन वर्ष एक ब्लाक में पूरा कर चुके सचिवों को दूसरे ब्लाक में स्थानांतरित करने के बजाए उसी ब्लाक में छोड़ दिया गया.
सूची के जारी होने के बाद खड्डा विकास खण्ड में तैनात सचिवों ने अपने खण्ड विकास अधिकारी को पत्रक देकर इस सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में बताया गया है कि, कई एक सचिव को उनके मूल क्लस्टर से वंचित कर दिया गया है और जो अतिरिक्त क्लस्टर आवंटन हुआ है उसमें 10 से 15 किमी. की दूरी है. इसी तरह दुदही विकास खण्ड में एक महिला ग्राम पंचायत सचिव को एक क्लस्टर विशुनपुर बरियापट्टी और अतिरिक्त क्लस्टर मठिया माफी दिया गया है. इन दोनों क्लस्टरों के बीच की दूरी भी 10 किमी से अधिक बताई गई है.