कुशीनगरः आज मदर्स डे (Mother's day) है. मां के प्रेम को शब्दों से बयां करना शायद संभव नहीं है. मां के प्रेम को लेकर मुनव्वर राना लिखते हैं कि इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है, मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है...लबों पर उसके कभी बददुआ नहीं होती, बस एक मां है जो मुझसे खफ़ा नहीं होती. औलाद कितनी भी नालायक हो जाए मां हमेशा उसको चाहती है. ऐसा ही एक मामला कुशीनगर में सामने आया है, जहां दो बेटों ने अपनी बूढ़ी मां और मंदबुद्धि भाई को छोड़ दिया. मां और मंदबुद्धि बेटा अब एक टूटी-फूटी एंबुलेंस में गुजर-बसर कर रहे हैं. इतने कष्ट के बावजूद भी वह मां अपने बेटों की खुशियों की दुआ कर रही है.
Mother's day 2022: टूटी-फूटी एंबुलेंस में जिंदगी काट रही मां बेगाने हुए बेटों के लिए मांग रही दुआ - UP latest news in Hindi
दुनिया में मां का इकलौता प्रेम है जो सबसे निश्चल होता है. भले ही संतान उसे कई कष्ट दें लेकिन उसके लबों से हमेशा उसके लिए दुआ ही निकलती है. कुशीनगर में ऐसी ही एक मां का प्रेम सामने आया है, जिन बेटों ने उसे छोड़ दिया वह उनकी खुशियों की दुआ कर रही है. चलिए जानते हैं इस बारे में.
जिले के हाटा कोतवाली स्थित सुकरौली गांव के रहने वाले खूबलाल और पत्नी चंपा अपने घर मे तीन बेटों और एक बेटी के साथ रहते थे।.खूबलाल सुकरौली में फल की दुकान लगाते थे. बेटी पूजा की शादी करने के बाद खूबलाल की मौत हो गई. इसके बाद उनका परिवार ही बिखर गया. पति की मौत के बाद चंपा की मानसिक स्थिति का फायदा उठाकर बेटे और बेटी के साथ मिलकर गांव के कुछ लोगों ने उसकी घर और जमीन को अपने नाम लिखवा लिया.
घर पर दबंगो का कब्जा होने के बाद बड़े बेटे बुद्धन और रोशन कुछ दिन कबाड़ी का काम करते रहे. इसके बाद दोनों चले गए. मां चंपा गूंगे और मंदबुद्धि बेटे गंगा को लेकर दर-बदर भटकती रही. इस बीच पीएचसी सुकरौली में एनआरएचएम घोटाले की एक जर्जर एंबुलेंस में उसने अपना आशियाना बना लिया. अस्पताल में काम करने वाली दाई और डॉक्टर उसे भोजन कराने लगे. मां से जब भी उसके बेटे और बेटी के बारे में पूछा जाता है तो वह रो लेती है किसी की कोई भी शिकायत नहीं करती. वह सबको दुआ देती है.
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