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अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने का आरोप, हंगामे के बाद जांच में जुटी पुलिस - कुशीनगर सचिदानंद अस्पताल में बच्चा चोरी

कुशीनगर जिले के कप्तानगंज थाना इलाके में एक अस्पताल पर डिलीवरी के बाद बच्चा बदलने का आरोप लगा है. परिजनों के हंगामे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत कराया. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

बच्चा बदलने को लेकर अस्पताल में हंगामा.
बच्चा बदलने को लेकर अस्पताल में हंगामा.

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Published : Sep 14, 2021, 5:54 PM IST

कुशीनगर : कुशीनगर जिले के कप्तानगंज थाना इलाके में स्थित मिशनरी संस्थान द्वारा संचालित सचिदानंद अस्पताल पर डिलीवरी के बाद बच्चा बदलने का आरोप लगा है. भड़सर खाश के रहने वाले तमिरदारों ने अस्पताल पर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. वहीं पुलिस किसी तरह हंगामे को शांत कराकर मामले की जांच में जुटी हुई है.

मिली जानकारी के अनुसार, कप्तानगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले 27 वर्षीय संजय सहानी की पत्नी राधिका (25) की तबीयत शनिवार की देर शाम खराब हो गयी. परिजनों ने बताया कि ऑटो द्वारा उसे प्रार्थमिक स्वास्थ केंद्र कारीतिन ले जाया गया. यहां से डॉक्टरों के कहने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल ले जाया गया. लेकिन यहां से डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया.

बच्चा बदलने को लेकर अस्पताल में हंगामा.

परिजनों ने राधिका की तबीयत की गम्भीरता को देखते हुए उसे कप्तागंज नगर में संचालित मिशनरी अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन यहां के भी डाक्टरों ने मरीज की गम्भीरता को देखते हुए और पहले के अस्पताल में इलाज न होने का हवाला देते हुए रेफर करने लगे. लेकिन तभी राधिका का प्रसव प्रक्रिया ऑटो के अंदर ही शुरू हो गयी, जिसमें नवजात उल्टा था.

परिजनों का कहना था कि हम लोगों ने देखा कि लड़का पैदा हुआ है. अस्पताल गेट के बाहर प्रसव देख डाक्टरोंं ने मरीज को एडमिट कर लिया और दो दिन एडमिट किये रखा. किसी को मिलने नहीं दिया गया. वहीं सोमवार की रात 10 बजे बच्चे की हालत को गम्भीर बताकर रेफर कर दिया. जिसके बाद गोरखपुर गोकुल नर्सिंग होम में एडमिट कराया गया. परिजनों का कहना है कि जहां हमें पता चला कि बच्चा बदल दिया गया है. क्योंकि पैदा होते वक्त हमने बेटा देखा था, पर अभी अस्पताल प्रशासन ने बच्ची दे दिया.

बच्चे बदलने का आरोप लगाते हुए परिजन मंगलवार भोर को ही कप्तानगंज अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे. इसकी सूचना मिलने के बाद तत्काल कप्तानगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शान्त कराने लगी. काफी देर तक पुलिस ने पीड़ित परिजनों और अस्पताल प्रशासन से उनकी बातें सुनी, जिसमें अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इलाज शनिवार देर रात से हो रहा था. बच्चे की हालत काफी गंभीर थी, आईसीयू में एडमिट कराया गया था. बच्चे की सेहत में कुछ ज्यादा सुधार न होता देख से गोरखपुर के लिए सोमवार की रात में 09:00 बजे रेफर कर दिया गया. हमने पेपर सर्टिफिकेट में भी उसकी फीमेल जेंडर को बताया था. हमने पहले भी बच्चे के पिता को उसके बच्चे से मिलवाया था. परिजनों द्वारा अस्पताल पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं.

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पुलिस ने मामले की जानकारी उप जिला अधिकारी को दी. कप्तानगंज उप जिलाधिकारी कोमल यादव 2 घंटे बाद मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को सुने. मीडिया से बात करते समय एसडीएम ने बताया कि मामले में पुलिस को निर्देशित किया गया है, कि पीड़ित परिजनों से तहरीर लेकर नियमानुसार कार्रवाई करें. साथ ही मामले में बच्ची और उसके माता-पिता का डीएनए जांच की प्रक्रिया पूरी कराएं. इसके अलावा अस्पताल प्रशासन को नियमों के नाम पर तमिरदारों से बेवजह की शक्ति नहीं बरतने को लेकर निर्देशित किया गया है.

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