कुशीनगर: महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय ने कहा कि शुक्रवार को 00.57 बजे होलिका दहन का मुहूर्त (Holika Dahan Shubh Muhurat 2022) है. इसके बाद शनिवार को होली का त्योहार मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि होली, प्रेम, सौहार्द और आत्मीयता का प्रतीक है. होलिका दहन का पर्व हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के मरने के बाद से मनाया जा रहा है. यह सत्य की विजय और अत्याचारी के दमन का प्रतीक है. होलिका दहन में हरे पेड़ नहीं जलाने चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हरे वृक्ष पर बुध का वास होता है. हरा वृक्ष जलाने से व्यक्ति को रोग और शोक दोनों तरह के कष्टों का सामना करना पड़ सकता है. हरे पेड़ों की रक्षा करें और उनको न जलाएं. होलिका में उपला (कण्डी) और सूखी लकड़ी ही जलानी चाहिए.
राकेश पाण्डेय ने कहा कि होलिकोत्सव 19 मार्च को है. इस दिन सुबह होलिका की भस्म को मस्तक पर लगाकर आने वाले नूतन सम्वत्सर की मंगल कामना करनी चाहिए. यह पर्व प्रेम सौहार्द स्थापित करता है. यदि आप समस्याओं से घिरा महसूस कर रहे हैं, तो होली के दिन गाय के गोबर में जौं, अरसी और कुश मिलाकर छोटा उपला बना कर सुखा लें. इसे घर के मेन गेट पर लटकाने से घर में रहने वाले सभी लोगों की समस्याएं दूर हो जाती हैं.