कुशीनगर:जनपद में सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाए गए एक विद्यालय के साथ ही प्रदेश के 38 विद्यालयों पर हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार कर लिया है. सभी जगहों की अलग-अलग दाखिल जनहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीते 20 सितम्बर को दिए गए अपने आदेश में कुशीनगर के एक विद्यालय को सरकारी भूमि से हटाने का आदेश जारी किया है.
सिंचाई विभाग की काफी जमीन पर बना विद्यालय
जिला मुख्यालय पडरौना से कुछ ही दूरी पर स्थित अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव बड़हरा में सिंचाई विभाग की काफी जमीन खाली पड़ी है. सूचना के मुताबिक इसी जमीन के एक बड़े हिस्से पर एक राजनीतिक दल से जुड़े नेता ने कागजी हेरा-फेरी कर अपना नाम दर्ज करा लिया था. नाम दर्ज होने के बाद उन्होंने विभागीय मिलीभगत से उक्त जमीन की पहले चहारदीवारी करवाई और फिर धीरे-धीरे उस पर सीबीएसई बोर्ड की मान्यता लेकर विशालकाय विद्यालय भवन खड़ा कर लिया.
जमीन पर अवैध कब्जा
गांव के ही एक शिकायतकर्ता की सूचना पर ईटीवी भारत ने बीते मई महीने की 16 तारीख को अवैध कब्जा कर चल रहे इस विद्यालय की खबर को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद तहसील प्रशासन ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए उक्त जमीन पर सिंचाई विभाग का नाम अंकित करा तो दिया, लेकिन प्रशासन की तरफ से विद्यालय को बंद कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया