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विकलांगता झेल रहे गांव में पहुंची स्वास्थ विभाग की टीम ने दी झूठी रिपोर्ट! बिना जांच के ही लिख दिया आखों में चोट - मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुरेश पटेरिया

कुशीनगर के विकासखंड सुकरौली का मठ सूरज गिरी गांव की एक खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाई थी. जिसमें गांव के कई लोगों में विकलांगता की बात सामने आई थी.

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बिना जांच के ही लिख दिया आखों में चोट

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Published : Apr 17, 2022, 5:31 PM IST

कुशीनगरः ईटीवी भारत की टीम ने यहां के विकासखंड सुकरौली का मठ सूरज गिरी गांव की एक ख़बर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसमें गांव के कई लोगों में विकलांगता की बात सामने आई थी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुरेश पटेरिया ने ख़बर का संज्ञान लेते हुए सुकरौली ब्लॉक देवतहा से डॉक्टरों की एक टीम इस गांव में भेजे हैं. ताकि यहां के विकलांगों की स्थिति जानी जा सके. टीम ने गांव में जाकर महज 4 घरों की जांच की और एक कोटा पूर्ति कर जांच रिपोर्ट बनाकर भेज दिया है.

जबकि यहीं के एक परिवार के पांच सदस्यों में तीन भाई शाम होते ही अंधे हो जाते हैं. इनका अन्धापन बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता जा रहा है. दूसरे केश में दो सगी बहने अपनी एक-एक आंख से नहीं देख सकती हैं. गांव में कई और लोग आंख, कान, हाथ और पैर की विकलांगता से परेशान हैं. मठ सूरज गिरी में जांच के लिए पहुंची डॉक्टरों की टीम ने लोगों के जांच की जगह केवल कोरम पूरा किया है. उन्होंने केवल चार घरों की ही रिपोर्ट ली और चिकित्सा अधिकारी को मनमाना रिपोर्ट लगाकर भेज दिया.

स्वास्थ विभाग की टीम ने दी झूठी रिपोर्ट

12 अप्रैल 2022 को सीएमओ के पास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुकरौली से भेजी गई. रिपोर्ट में अंकित किया गया की स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव के चार परिवारों से मिली जिनमें 7 लोग विकलांगता को झेलने वाले मिले. जिसमें तीन भाई जो रात के समय अंधे हो जाते हैं, वहीं दूसरे परिवार में जन्म से ही नेत्रहीन, तीसरे परिवार जिसमें दो सगी बहने एक-एक आंख से विकलांगता झेल रही हैं. जबकि चौथे में जन्म के बाद आए झटके की वजह से विकलांगता बताई गई. तीसरे परिवार से मिलने के बाद जो रिपोर्ट लिखी गई उस में दर्शाया गया कि राम श्री निषाद की दो बेटियों में पहली बेटी काजल की उम्र 15 साल जिसके दाहिने आंख में चोट लगी थी, जिसके कारण काजल की आंख की पुतली खराब हो गई. ऑपरेशन करके उसके स्थान पर आर्टिफिशियल पुतली लगाई गई है. जबकि दूसरी बहन पूजा की दाहिनी आंख में माइक्रोकॉर्निया हुआ है.

विकलांगता झेल रहा गांव

जांच रिपोर्ट आने के बाद ईटीवी की टीम फिर एक बार गांव में गई तो पता चला की जांच टीम महज तीन चार घरों में घूम कर चली गई. वहीं जिस 15 वर्षीय काजल की आंखों में चोट की बात लिखी गई है. वह पूरी तरह गलत है काजल की मां ने बताया कि उसे किसी तरह की चोट नहीं लगी थी. अपने आप आंख की पुतली खराब होकर बाहर आने लगे डॉक्टर ने इस बात को हमसे पूछा ही नहीं और ना मैंने चोट लगने की बात बताइ है.

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जब इस पूरे मामले पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवता हां सुकरौली के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ स्वप्निल श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने बताया की वे आंखों के विशेषज्ञ नहीं हैं पर टीम ने मौके पर जाकर जो कारण पाए थे. उसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई. ज्यादातर आंखों की पुतली निकालने का यही कारण होता है कि आंखों में चोट लगी हो या आंख में ट्यूमर हो. इसलिए टिप्पणी में चोट की बात लिख दी गई.

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