कुशीनगर : तथागत भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में भी विख्यात है. कुशीनगर में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में देशी विदेशी पर्यटक आते हैं. कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट तो है मगर यहां से रेग्युलर फ्लाइट कम ही हैं. जिले का राज्य और देश से रेल संपर्क नहीं है, यही कारण है कि यहां पहुंचने के लिए पर्यटकों के पास रोड का विकल्प ही बचता है. रेलवे कनेक्ट नहीं होने के कारण अक्सर बौद्ध धर्म के अनुयायी वाराणसी, बोधगया और लुम्बनी जाने के बाद कुशीनगर नहीं आते हैं.
भूटान से आए पर्यटक सोनल लामा ने बताया कि वह बस के जरिये कुशीनगर पहुंचे. उनका कहना है कि अगर ट्रेन यहां तक आती है तो पर्यटकों को कुशीनगर पहुंचने में सहूलियत मिल जाएगी. ट्रेन की जर्नी से पर्यटक की यात्रा आरामदेह हो जाएगी. स्थानीय निवासी मनिंद्र तिवारी ने बताया कि 2023 में केंद्र सरकार के बजट में कुशीनगर को रेल लाइन से जोड़ने की घोषणा की गई है. इस ऐलान से लोगों में उम्मीद जगी है कि कुशीनगर अगर रेललाइन से जुड़ जाता है तो यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही लाखों लोगों को ट्रैवल के लिए एक और ऑप्शन मिलेगा.
फरवरी की शुरुआत में मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया. कुशीनगर के सांसद विजय दुबे ने बताया कि केंद्रीय बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कुशीनगर को बड़ा तोहफा दिया है. बजट में गोरखपुर से कुशीनगर होते हुए पडरौना तक नई रेल लाइन बिछाने के लिए 1359 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. बजट में इसकी डीपीआर बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये का आवंटन भी किया गया. 64 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के लिए वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने सर्वे कराया था.