उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कुशीनगर: पूर्व मंत्री को क्यों जलानी पड़ी पराली, जानें कारण - समाजवादी नेता राधेश्याम सिंह

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने किसानों के साथ धरना दिया. कहा कि प्रदेश सरकार ने शुरू से ही किसानों के खिलाफ दमनकारी नीति अपना रखी है. गन्ने के पूर्व निर्धारित दामों में वर्तमान सरकार एक रुपये भी बढ़ोत्तरी नहीं कर पाई है. किसानों के साथ सिर्फ छलावा हो रहा है.

former minister radheshyam singh
धरने पर बैठे पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह.

By

Published : Nov 6, 2020, 7:07 PM IST

कुशीनगर:जिलेमें शुक्रवार को गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर पूर्व मंत्री व समाजवादी नेता राधेश्याम सिंह ने हाटा तहसील परिसर में धरना दिया. सैकड़ों किसानों के साथ धरना स्थल पर पहुंचे राधेश्याम सिंह ने कहा कि, प्रदेश की सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है. पराली जलाने पर मुकदमे हो रहे हैं. दूसरी तरफ गन्ने के करोड़ों रुपये चीनी मिलें दबाकर बैठी हुई हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

धरना स्थल पर तैनात रही फोर्स

एसडीएम को ज्ञापन सौंपने के बाद किसानों ने प्रतीकात्मक रूप से पराली और कुछ गन्ना जलाकर अपना विरोध जताया. अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ समाजवादी नेता राधेश्याम सिंह के शॉर्ट नोटिस पर शुरू किए गए धरने को लेकर प्रशासनिक अमले में साफ बेचैनी दिखी. धरनास्थल पर पुलिस बल तैनात किया गया था. सैकड़ों किसानों के साथ तहसील परिसर में पूर्व घोषित समय पर धरना स्थल पर पहुंचे पूर्व मंत्री कार्यालय के सामने ही जमीन पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठ गए. साथ आए एक वाहन पर लगे माइक से ही वक्ताओं से सामने अपनी बात रखी.

एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने कहा कि वर्तमान में किसानों के ऊपर पराली जलाने को लेकर मुकदमे हो रहे हैं. सरकार पराली का कोई उपाय किसानों को बता नहीं रही है. कई गंभीर समस्याओं को इंगित करते हुए उसके निराकरण कराने की मांग के साथ राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा. मांग पत्र एसडीएम प्रमोद कुमार तिवारी को सौंपा गया. उन्होंने इसे शासन तक भेजने की बात कहकर धरना समाप्त करवाया.

किसानों के साथ हो रहा छलावा
पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने ईटीवी भारत से मोबाइल पर हुई बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से उसने किसानों के खिलाफ दमनकारी नीति अपना रखी है. गन्ना के पूर्व निर्धारित किए गए दामों में वर्तमान सरकार एक रुपये भी बढ़ोत्तरी नहीं कर पाई है. किसानों के साथ सिर्फ छलावा किया जा रहा है. पराली का कोई उपयोग नहीं बताकर उसे जलाने वालों पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.

पूर्व मंत्री ने किसानों के गन्ना मूल्य से जुड़े करोड़ों रुपये बाकी होने की बात कहते हुए कहा कि, सरकार यदि इस मुद्दे पर गंभीर होती तो चीनी मिलों द्वारा शत प्रतिशत भुगतान कर दिया गया होता.

ABOUT THE AUTHOR

...view details